अभिनव तरीकों का स्तेमाल करते हुए साइंस दानों ने बतलाया है ,नवजात के एक साला होने से पहले नव माताएं अपने काम पर लौट सकतीं हैं .कुल मिलाकर यह लाभ का सौदा ही साबित होगा ,आपके लिए ,आपके लाडले के लिए आर्थिक स्थिति के सुदृढ़ होने से बच्चे को जीवन के ज़रूरी उपादान ,फेसिलितीज़ मुहैया करवाई जा सकेंगी .
इसलिए रिसर्च का सार यही है यदि आप प्रसव के चंद माह बाद अपने कार्य -स्थल पर लौटना चाहतीं हैं ,शौक से ऐसा करिए .बच्चे के लिए कुल मिलाकर कल्याण कारीही सिद्ध होगा आपका यह फैसला .
ज़िन्दगी लाभ हानि का सौदा है .
आखिर दवाओं के भी अवांछित प्रभाव होतें हैं ,कुल मिलाकर देखा यह जाता है ,इन्फेक्सन के खिलाफ दवा कारगर है या नहीं .पार्श्व प्रभाव ज्यादा है या फिर फायदा ?
कुल मिलाकर यह कमसे कम एक न्यूट्रल सौदा तो है ही ।
विशेष :भारतीय सन्दर्भ में यह उतना ही ज़रूरी है .आप गौरों के बच्चे देखिये .सिर चढाने का पैम्पर करने का मौक़ा उन्हें दिया ही नहीं जाता .एक अनुशाशन बरपा रहता है शुरू से ही .हम बात बात पर ,बे -बात बच्चों को सिर चढ़ाए रहतें हैं .नतीजा होता है :टेम्पर टेन-टर्म्स .नाज़ औ नखरे ,एक्स्प्लोइतेसन बचपन से ही करने करते रहने की जिद को बढ़ावा .बच्चे इसे खूब भुनातें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-'बेबीज़ डोंट सफ़र व्हेन मदर्स रिटर्न टू वर्क' (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,अगस्त २,२०१० ,पृष्ठ ,१७ ).
सोमवार, 2 अगस्त 2010
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