गुरुवार, 1 जुलाई 2010

क्लिओपैत्रा की मौत :कुछ रोचक तथ्य ....

मिश्र के शाशक की उपाधि "फैर -ओ "से विभूषित नील की रानी सौन्दर्य की अवतार क्लिओपैत्रा की मौत के बारे में मिथ यही रहा आया है ,इनकी मृत्यु सर्प -दंश से हुई ।
जर्मन इतिहास कार एवं "त्रिएर विश्व -विद्यालय में प्रोफ़ेसर केपद पर आसीन च्रिस्तोफ स्चेफेर प्राचीन अलेज़ेन्द्रिया का दौरा करने केबाद यह कयास लगातें हैं इस खूब -सूरत नील की रानी की मौत तड़प तड़प कर सर्प दंश से कुरूप होने केबाद नहीं ,ओपियम ,हेम्लोक ,एवं अकोनितुम के मिश्रण से हुई .यह एक असर कारी पलांश में मौत केमुह में ले जाने वाला नुस्खा था ,ज़हर था जो उस दौर में इस कामके लिए जाना भी जाता था .वैसे भी रानी साहिबा आखिर तक खूब -सूरत दिखने की तमन्ना लिए थीं .आपके शासन की अवधि ५१ -३० बीसी थी ।
हेम्लोक एक बहुत ही ज़हरीला हर्बेसिअस पादप है .गाजर प्रजाति से ताल्लुक रखता है यह .इस पर खूबसूरत छोटे छोटे सफ़ेद फूल लगतें हैं .इसकी फाइनली कट लीव्ज़ देखते ही बनतीं हैं .(कोनियम मेक्युलेतम वर्ग का है यह .)ज़हर बनाया जाता रहा है इससे ।
एकोनिटम :(एकोनाईट )इस पादप की रूट्स ज़हरीली होती है .पर्पिलिश ब्लू -वाईट फ्लोवार्स लुभातें ज़रूर हैं ।
ओपियम तो विख्यात है ही .अफीम से कितने ही विषाक्त पदार्थ तैयार किये जाते रहें हैं ।
तीनो का मिश्र तत्काल मृत्यु के लिए जाना जाता रहा है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-लीथल ड्रग कोकटेल किल्ड क्लेओपत्र (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई ०१ ,२०१० )

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