बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

मधुमेह की दर दक्षिण भारतीयों में ज्यादा क्यों है बरक्स उत्तरभारतीयों के ?

दक्षिण भारतीय मोटे अनाज से बनी चपाती और दांतों में फंसने वाली हरी तरकारी,रेशेदार सब्जियां अकसर नहीं खाते (लेदेकर इक ड्रम स्टिक है ,घीया और कद्दू है साम्भर में .टमाटर है ).खाद्य रेशा जबकि आहार का इक एहम हिस्सा है .ब्लड सुगर का विनियमन करता है .केलोरीज़ नहीं हैं इसमें(रेशे में ) ,रफेज़ है ,जो स्टूल को बल्क प्रदान करता है .पेट जल्दी भरता है ।दक्षिण भारतीय सलाद भी कम खाते हैं .थाली में परोसा ही कहाँ जाता है दक्षिण भारतीय थाली में .
दक्षिण भारतीय खाद्यों में चावल ,इडली ,साम्भर ,दोसा ,उत्तपम ,रस्म आदि ज्यादा हैं .बड़ा है ।
बेशक मधु -मेह ग्रस्त व्यक्ति उत्तपम ले सकता है जो हरी सब्जियों से बना हो.दाल के बने बड़े (मेदू बड़ा )धनिये /पुदीने की चटनी के साथ ले सकतें हैं .प्लेन दोसा और इडली के साथ साम्भर का सेवन ज्यादा करें जिसमे सब्जियां भी होतीं हैं .

कोई टिप्पणी नहीं: