स्ट्रेस हारमोनो के स्राव को कम करवाता है ध्यान .एड्रीनेलिन और कोर्तिसोल की लोडिंग /फ्लडिंग /बेतरह बढ़ने को रोक सकता है नियमित ध्यान .स्रावी तंत्र (इंडो -क्रा -इन सिस्टम )का विनियमन (रेग्युलेट करता है ध्यान )करता है मेडिटेशन का अभ्यास .स्ट्रेस हारमोन जब कम हो जातें हैं ,ब्लड सुगर को बढाने वाला कारक ,ट्रिगर भी समाप्त होजाता है फलतय रक्त शर्करा नियंत्रण में आजाती है ।
ध्यान मष्तिष्क को भी कूल रखता है शांत प्रशांत ,उत्तेजना से परे रखता है .सोच को सकारात्मक बनाता है ध्यान .मरीज़ का भाव जगत उसके विवेक जगत पर हावी नहीं हो पाता है ।अपने आप पर आपका नियंतरण हो जाता है आप खुद को अपने आत्म स्वरूप /निजता को पहचानने लगतें हैं .खुद से मिलतें हैं आप .बाखबर रहतें हैं अपने "स्व" से.अपने 'होने 'से 'इज्नेस' से .
विशेष :मैंने राज योग की दीक्षा ब्रह्मा -कुमारीज़ विश्विद्यालय से ग्रहण की है .सकारात्मक रहना भी वहीँ से सीखा .माउंट आबू में कई राष्ट्री अंतर -राष्ट्री सेमीनार किये हैं ,नियमित अपने रोहतक प्रवास के दौरान क्लासिज़ की हैं .ब्रह्मा कुमारीज़ विश्विद्यालय में ."ध्यान " कहीं से भी सीखिए ,हर हाल अच्छा है .
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011
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