मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

ये चस्का ही ऐसा है ......

'हलुवा सूजी का ,चस्का दूजी का 'अगर आप इस रिपोर्ट के शीर्षक से यह समझे हैं तो आप गलत है यहाँ बात होने जा रही है फास्ट फ़ूड की .अमरीकन जर्नल ऑफ़ कार्डियोलोजी में प्रकाशित इक अध्ययन के अनुसार फास्ट फ़ूड का चस्का कुछ लोगों को इस कदर लगता है कि होस्पितेलाइज़ होने के बाद भी हफ्ते में इक मर्तबा फास्ट फ़ूड खाने से नहीं चूकते .बेशक कुछ लोग इससे हार्ट अटेक के बाद दूर चले आतें हैं हृद रोग माहिरों की बात मानकर लेकिन तकरीबन आधे मरीज़ इसे भुगताने के ६ माह बाद ही अपने पसंदीदा फास्ट फ़ूड आउटलेट पर मनपसंद फास्ट उड़ाते देखे जा सकतें हैं सप्ताह में कमसे कम इक दफा ।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिसोरी ,केन्सास सिटी कैम्पस के जॉन स्पेर्तुस ने अपने अध्ययन मेंजिन २५०० दिल के मरीजों को शामिल किया उनमे से ८८४ (३६%)ने इक सर्वे में साफ़ साफ़ बतलाया अस्पताल में भर्ती रहते दिल का दौरा पड़ने से इक माह पहले तक उन्होंने हफ्ते में इक मर्तबा तो फास्ट फ़ूड खाया ही खाया था .६ महीने बाद जब स्पेर्तुस ने इनसे बात की तब पता चला इनमे से ५०३ अभी भी हफ्ते में इक मर्तबा अपनी पसंद का फास्ट फ़ूड खाने से नहीं चूक रहें हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :जंक फ़ूड लवर्स स्टिक तू फास्ट -फ़ूड डाइट इविन आफ्टर हार्ट अटेक (दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,फरवरी २२ ,२०११ ,पृष्ठ १७ ).

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