सोलर फ्लेयर्स टू रीक हेवोक विद अवर गेजेट्स (साईं -टेक ,मुंबई मिरर ,फरवरी २२ ,२०११ ,पृष्ठ २६ )।
२२ फरवरी ,०१५६ ग्रीन विच मीन टाइम :गत पांच सालों में दर्ज़ सबसे तेज़ सौर ज्वालायें अपने आवेशित प्लाज्मा कणों(हॉट आयो -नाइज़्द गैस,आयनों के साथ )की लपटों के साथ प्रचंड वेग ९०० किलोमीटर प्रति सेकिंड की चाल से पृथ्वी की औरइस दिन ,इस पहर लपकीं ।
अनुमान है ऐसा ही इक अन्तरिक्ष अंधड़ फिर उठेगा सौर सतह से .यह हमारी अधुनातन गेजेट्स को असरग्रस्त करेगा .अन्तरिक्ष के मौसम से जुडी है आज गेजेट प्रिय समाज की नव्ज़ जिसमे तमाम तरह के उपग्रह शामिल हैं जिन पर हम संचार के मामले में निर्भर हैं ।
इक ज़ोरदार (शक्तिशाली )सौर आंधी /सोलर स्टोर्म इस सारे ताम झाम /प्रोद्योगिकी को विच्छिन्न /तहस नहस /नाकारा बना सकती है .उपग्रहों को झुलसा सकती है .स्टोक मार्किट्स को धुल चटा सकती है,बत्ती गुल कर सकती है इक बड़े हिस्से की .महीनों यह क्रम चल सकता है ।
अमेरिकन असोशियेशन फॉर दी एडवांसमेंट ऑफ़ साइंसिज़ की वार्षिक बैठक में यह राय माहिरों ने व्यक्त की है .स्थिति बदतर हो सकती है क्योंकि सूरज ११ साला सौर चक्र सक्रियता की और अग्रसर है ।
अब से दस बरस पहले जब सौर सक्रियता अधिकतम हुई थी यह दुनिया ऐसी नहीं थी .न सेल फोन इतने थे न उनके काम करने के तरीकों में इतनी विविधता थी .आज बात कुछ और है .इसलिए सौर ज्वालाओं के परिणाम भी दूरगामी होंगें .
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