"रिस्ट -वाच"टू टेल "बीपी "मोर एक्युरेत्ली (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,फरवरी २२ ,२०११ ,पृष्ठ १७ )।
यह हाथ घडी बतला सकती है आपको ख़तरा है उस सायलेंट किलर से जिसे हाई -पर टेंशन कहतें हैं जो दबे पाँव आता है जबतक लक्षण प्रकट होतें हैं मुखरित होतें हैं बहुत देर हो चुकी होती है ।
इसे तैयार किया है इक ब्रितानी साइंसदानों की टोली ने ।
इसे आर्म -कफ़ डिवाइस से बेहतर बतलाया जा रहा है जो रक्त का दाब तब मानिटर करती हैजब रक्त बाजू के ऊपरी हिस्से में प्रवाहित होता है ।
बेशक इस परम्परागत विधि(आर्म कफ ) से ब्लड प्रेशर मापना आसान साबित हुआ है लेकिन इस विधि से हमेशा ही यह सही सही नहीं जाना जा सकता की दिलके बिलकुल करीब तथा दिमाग को रक्त ले जाने वाली आर्ट -रीज का क्या हाल है .जबकि नुकसानी बे -इंतिहा हो सकती है .ऐसे में फाल्स पोजिटिव तथा निगेटिव मान आना स्वाभाविक है .असली हाले दिल जानने में ऐसे में चूक हो ही जाती है .बिला वजह भी ऐसे में हाई -पर -टेंशन की दवाई चलती रह सकती है ।
नै प्राविधि अपर आर्म्स से प्राप्त रीडिंग्सका रिस्ट से बंधे सेंसर से जो पल्ज़ के संपर्क में रहताप्राप्त मान का रीडिंग्स का परस्पर तालमेल बिठाती है ,समायोजित करती है दोनों मानों(पाठों /रीडिंग्स को ) को ।
अब उन लोगों को समय रहते बेहतर तरीके से आगाह किया जा सकेगा जिन्हें हार्ट अटेक और ब्रेन अटेक का ज्यादा ख़तरा रहता है ।
हाई ब्लड प्रेशर समय रहते शिनाख्त न हो पाने की वजह से ही दुनिया भर में लाखों लाख लोगों की जान लेता रहा है .इसके लक्षण मुखरित ही नहीं हो पातें हैं .जब तक पता चलता है देर हो चुकी होती है ।
नै डिवाइस को पहनना इक दम से आसान है .स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त अनुदान राशि से इसे तैयार किया गया है ।
लिसेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ब्र्याँ विल्लिंस(ब्रियान विलियम्स ) ने सिंगापुर के साइंसदानों के साथ मिलकर इस विधि की सटीकता की आज़माइश कर ली है ।
इसे इक शानदार उपलब्धि बतलाया जा रहा है जो ब्लड प्रेशर मानितरण में इक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है ।
१०० पोंड्स कीमत की यह युक्ति आइन्दा दो तीन सालों में उपलब्ध हो जायेगी .आम औ ख़ास के लिए .
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
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