शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

फुट हेल्थ पर भी ध्यान दीजिएगा मौतर्माओं.......

आर योर हाई हील्स किलिंग यु ?ओफतिन काल्ड 'किलर हील्स ',मोर एंड मोर वोमेन आर कम्प्लैनिंग ऑफ़ बेक्पैन एंड एन्किल एक्स .लिमिट वीअरिंग हाई हील्स तू स्पेशल अकेज़ंस.(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,बोम्बे टाइम्स ,वेरायटी ,पृष्ठ १७ ,फरवरी २६ ,२०११ )।

पश्चिम का सौपान है "पाद सौन्दर्य /लेग ब्यूटी "लेकिन किस कीमत पर ?क्या पाद सौन्दर्य की आप कीमत चुका रहीं हैं ?

आइये देखें ।

स्काईeहाई हील्स ,स्तिलेत्तो,हील्स/ का चलन दीर्घावधि नुकसानी पहुंचा रहा है आपके खूबसूरत पांवों को माहिरों का यही कहना है .इसी 'फैड 'के चलते इक तिहाई किलर मौतार्मायें हेमर टोज़ ,बुनिओंस ,डेमेज टूलेग टेंदंस जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं ।
हेमर टोज़ क्या है न ?
हेमर टोज़ इज ए मेडिकल कंडीशन ऑफ़ ए टो इन व्हिच दी जोइंट बिटवीन दी टू स्माल बोंस ऑफ़ दी टो इज परमानेंटली बेंट डाउन -वार्ड्स इन ए क्ल़ा शेप ।
बुनिओंस ?
बुनिओं इज एन इन्फ्लेमेशन ऑफ़ दी सेक (बुरसा )अराउंड दी फस्ट जोइंट ऑफ़ दी बिग टो ,अकंप -नीड बाई
स्वेलिंग एंड साइड -वेज़ डिस्प्लेसमेंट ऑफ़ दी जोइंट .,आल्सो काल्ड लंप स्वेलिंग ।
माहिरों के अनुसार १.५ इंची हील्स अधिकतम होनी चाहिए इससे ज्यादा हील्स पहनना इन समस्याओं को आम्नात्रित करता है ।
बाल फुट पर प्रेशर डालता है ,जितनी अधिक हील्स उतना ही ज्यादा प्रेशर बाल फुट को झेलना पड़ता है ।
अस्थि रोगों के माहिर (ओर्थो -पीडी -शियंस मौतर्माओंको आगाह करते हुए कहतें हैं हर महिला को अपने फुट स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए .कभी भी अनदेखी न करें सेंडिल जूतों से पड़ने वाले छाले /ब्लिस्तर्स/सोरनेस की ।
कोर्न (चमड़ी पर ऊंगलियों /अगूंठे के किनारे ,पड़ने वाले गिट्टे ,घट्ठा आदि )का बाकायदा नोटिस लें .समाधान करें ।
पैरों के सेंडिल जूतों का सम्बन्ध आपके कम्फर्ट लेविल से भी है ,दिमाग से भी .आरामदायक शूज़ का चयन करें .कभी कभार १.५ इंची तक हील्स पहनना उतना बुरा नहीं है .आदत और फैड से बचें .

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