बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

ड्रग रेज़ीस्तेंट मलेरिया से बचाव कर सकती है उष्ण कटिबंधी समुद्री शैवाल ....

ट्रोपिकल सी वीड टू फाईट मलेरिया .एंटी -फंगल केमिकल कंपाउंड्स फाउंड ऑन सीवीड मे बी दी लेटेस्ट वेपन इन दी वार अगेंस्ट ड्रग -रेज़ीस्तेंट स्त्रैंस ऑफ़ दी डीज़ीज़.(मुंबई मिरर ,साईं -टेक ,फरवरी २३ ,२०११ ,पृष्ठ ३० )।
उष्ण -कटी - बंधी समुद्री शैवाल फंगल रोग संक्रमण /फंगल के हमले से बचाव के लिए सदियों से इक रासायनिक यौगिक समूह का स्तेमाल करती रहीं हैं .समझा जाता है इन यौगिकों में मलेरिया रोधी गुण हैं जो मलेरिया की दवा रोधी स्ट्रेन का भी खात्मा कर सकतें हैं ।
सीवीड्स ने विकास क्रम में अपने बचाव के लिए इक ख़ास रासायनिक सिग्नलिंग सिस्टम का विकास किया है .इसीको इक रणनीति के तौर पर मलेरिया के खिलाफ आजमाया जाएगा ।
जोर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलोजी के रिसर्चरों ने पता लगाया है पेचीला एंटी -फंगल अणु(मोलिक्युल्स )शैवाल की सतह पर इक समान विभाजित नहीं है कुछ ख़ास इलाकों में इनका ज़माव (सांद्रण ,कंसेन्ट्रेशन )है .यह वह लोकेशंस हैं जहां किसी भी प्रकार की क्षति /इंजरी फंगल इन्फेक्शन के खतरे को बढा सकती है ।
कुदरत की लीला देखिये नेचुरल वर्ल्ड रसायन की इस भाषा को समझता आया है .बा -खबर रहीं है शैवालों की तमाम स्त्रैंस केमिस्ट्री की इस लेंग्विज से .आखिर प्रश्न उनके बने रहने से जुड़ा रहा है ।
इन रासायनिक प्रक्रियाओं को हम अपने फायदे के लिए अपना सकतें हैं .बीमारियों के नए इलाज़ तलाश सकतें हैं ।
हालाकि तमाम सीवीड्स इक ही प्रजाति की उपज थीं लेकिन इनमे दो अलग अलग समूह एंटी -फंगल रसायनों के मिलें हैं ।
फ्रॉम वन सीवीड पोप्युलेशन डब्ड दी 'बुशी 'टाइप फॉर इट्स अपीयरेंस ,२३ डिफरेंट एंटी -फंगल कंपाउंड्स वर फाउंड ।
मलेरिया (ड्रग रेज़ीस्तेंटमलेरिया )के खिलाफ रण- नीति :
दस लाख से ज्यादा लोग आलमी स्तर पर मलेरिया की वजह से मर जातें हैं .प्लाज़ -मोडियम -फाल्सी -पेरम परजीवी इसकी वजह बनता है ।
मलेरिया के खिलाफ प्रयुक्त सबसे प्रमुख दवा "अर्तेमिसिनिं "के खिलाफ भी इस परजीवी ने दवा प्रति -रोध खडा कर लिया है .दुनिया की आधी आबादी को कभी भी मलेरिया हो सकता है .ख़तरा मुह्बाये खडा हुआ है ।
इन्हीं एंटी -मलेरियल अणुओं का सहारा है जो शैवालों को फफूंदी के हमले से बचाते आयें हैं ।इन्हीं में से कुछ समाधान निकलेगा दवा रोधी मलेरिया का ।
लेब आजमाइशों में उत्साहवर्धक नतीजे मिलें हैं .अब इन्हें डीज़ीज़ के माउस मोडल में आजमाया जाना है ।
राईट केमिस्ट्री मिले मनुष्यों पर आज़माइश के लिए इन संभावनाओं से भरे मोलिक्युल्स में यदयपि यह ज़रूरी नहीं है लेकिन उम्मीद है ज़रूर .

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