एनशियेंट 'इनका ' ग्रेन इज न्यू हेल्थ फ़ूड फैड(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी २५ ,२०११ )।
'इनका 'क्या है /कौन हैं ?
'इनका 'इज ए मेंबर ऑफ़ ए नेटिव साउथ अमेरिकन पीपुल हूज एम्पायर ,बेस्ड इन पेरू एंड कवरिंग दी एंड -ईयन रीजन ,लास्तिद फ्रॉम १२ थ सेंच्युरी अन्टिलदी मिड १६ सेंच्युरी ।
किनोया ?
किनोया इज ए प्लांट ऑफ़ गूज्फुट फेमिली देट इज कल्तिवेतिद फॉर इट्स सीड्स ,व्हिच आर ग्राउंड एंड ईटन,नेटिव तू एंड -इज़ .(चेनो -पोडियम किनोया )।
यह इक पूज्य खाद्यान्न रहा है हज़ारों बरसों से एंड -इज़ रीजन का .इन्काज़ इसे पवित्र अन्न की संज्ञा देते थे .अब इसे भविष्य का पोषक आहार बतलाया जारहा है ।
अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में भी, विषम मौसम /जलवायु में, इसकी खेती हो सकती है .हाई एल्तित्युड्स के लिए भी इसे अनुकूल पाया गया है .प्रोटीन और आवश्यक अमीनो अम्लों से भरपूर है यह खाद्यान्न ।
बकौल अगुस्तीं फ्लोरेस (बोलिविया के दक्षिणी हाइलैंड्स की तीसरी पीढ़ी का इक कृषक ) अपने पुरखों से प्राप्त पुरखों की विरासत में मिला यह खाद्यान्न हमारी दिन भर की श्रान्ति /क्लान्ति /थकान को मेट देता है जब हम इससे तैयार पेय का रसपान करतें हैं "ड्रिंक "लेतें हैं ।विविध ,बहु -उपयोगी है यह खाद्यान्न अन्न भी मदिरा भी इससे प्राप्त होती है .
गत १० -१५ बरसों में किनोआ पास्ता ,रिसोत्तोस और ग्रैतिंस का विकल्प बनकर उभरा है पश्चिमी क्विजीन में /पाक शैली में .भोजन बनाने की कला में यह शामिल हो चुका है इक पोषक विकल्प के बतौर ।
इस प्राचीन खाद्यान पर दुनिया भरके खानसामों की नजर है ।
साइंसदान /पोषण विज्ञानी इसे भविष्य का खाद्यान्न बतला रहें हैं ।
नासा ने इसे अन्तरिक्ष यात्रियों /अन्वेषकों की सेहत के अनुकूल बतलाया है .किनोया उत्पादकों का संघ इससे गद -गद है ।
ओरूरो विश्वविद्यालय के पोषण विज्ञान के माहिरों ने भी इसकी तारीफ़ में कोई कसर नहीं छोड़ी है ।
रेड वाइन की तरह इसे हाइप किया गया है :यहाँ तक कहा गया है 'किनोया का नियमित सेवन रोग संक्रमण और हाई -पर -टेंशन से बचाव कर सकता है ।'
न्यूरोन के विकास में तथा हेल्दी ब्रेस्ट मिल्क के लिए यह असरकारी है .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें