पोस्ट ग्रेज्युएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च .चंडीगढ़के रिसर्चरों ने अभी हाल ही में १५ ट्रायल्स का विश्लेषण किया है जिसमे १३६० कोमन कोल्ड के असर में आये ऐसे लोग शामिल थे जिन्हें (सभी को नहीं )जिंक सप्लीमेंट दिया गया था .पता चला इनमे से जिन्हें संक्रमण लगते ही पहले २४ घंटों में ही जिंक सम्पूरण दे दिया गया तथा जिन्होंने ने इसे कमसे कम पांच दिनों तक लगातार लिया उनके लक्षणों की उग्रता में कमी दर्ज़ की गई बरक्स उनके जिन्हें मात्र प्लेसिबो पर ही रखा गया था .इनके सप्ताह के भीतर ही संक्रमण मुक्त होने की संभावना भी ज्यादा रही ।
इस रिव्यू से कोमन कोल्ड में जिंक सम्पूरण की इलाज़ के बतौर भूमिका इक बार फिर सामने आई है यह कहना है शोध को नेत्रित्व प्रदान करने वाली रिसर्चर मीनू सिंह का .यह रिव्यू कोच्राने लाइब्रेरी में प्रकाशित हुआ है ।
देखना यह भी रुचिकर होगा ,क्या जिंक सप्लीमेंट्स उन अस्मा (दमा ग्रस्त )मरीजों के लक्षणों की उग्रता को भी कम कर सकता है जो कोमन कोल्ड की चपेट में आगएं हैं ।
साइंसदानों के मुताबिक़ सालभर में बालिग़ लोग दो से चार मर्तबा ,बच्चे साल भर में १० दफा इस संक्रमण की चपेट में आजातें हैं .इससे बचने के लिए विशेष कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके विषाणु आम होते हुए भी विविधता लिए हुए हैं .कितनी स्ट्रेंन हैं ?स्ट्रेन ही स्ट्रेन हैं कोई गिने तो .
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011
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