रविवार, 20 फ़रवरी 2011

जानिएगा हाले दिल ?

भले ग्रोथ रेट्स रिसकर नीचे नहीं पहुँच रही हो हाले दिल यकसां है भारत के आम औ ख़ास का अब .उपभोक्तावाद के फैलाव के साथ अब दिल के रोग शहरी अमीरों के टोटके नहीं रह गए हैं शहरी गरीबों ,गाँवों और कस्बों तक पहुँच गए हैं अंकिल चिप्स के साथ -साथ .यहाँ अंकल चिप्स सिर्फ जंक फ़ूड का प्रतीक भर हैं ।
किशोरपन का मोटापा ,कसरत का जीवन से ऐसे गायब होना जैसे गधे के सिर से सींग तथा अन -हेल्दी फ़ूड हेबिट्स ,भ्रष्ट होती जीवन शैलियाँ आम औ ख़ास को हृद रोगों के करीब ला रहीं हैं ।
कोर्पोरेट (निगमों )की सीढियां चढ़ते ३०-४० साला लोग अब हार्ट अटेक की चपेट में आने लगें हैं .हृद रोगों के ३५-५० फीसद मामले अब ५० साल से कम उम्र के लोगों को ही असर ग्रस्त कर रहें हैं जबकी पश्चिम में हृद रोगों की चपेट में आने की औसत उम्र ५५ साल ही है ।
अब १४ साला किशोर भीहाई ब्लड प्रेशर की जद/हद में आ रहें हैं यही कहना है डॉ के .के .सेठी ,देहली हार्ट एंड लंग इंस्टिट्यूट ) का।बकौल आपके ज्यादर बच्चे अब टी वी देखते अंकल चिप्स (आलू चिप्पड़) खाते खातेहोम वर्क करते बड़े हो रहें हैं .कसरत रूटीन से नदारद है .बिग ट -मीज़ भी अब आम है बच्चों में .इसी जीवन शैली के चलते चालीस के होते होते हृद रोग दस्तक दे देतें हैं ।
बकौल डॉ .सेठी अब रिक्शा चलाने वाले दिहाड़ीदार भी हार्ट अटेक की चपेट में आ रहें हैं .सड़क के किनारे का अन -हेल्दी आयल में पकाया खाना इसकी वजह बन रहा है .जलेबी और कचौड़ी वनस्पति तेल में न सिर्फ तैयार की जाती है .बार बार गरम(री -हीट) भी की जाती है.आक्सीकृत होकर ये दोनों चीज़ें शरीर में खतरनाक ट्रांस -फैटी एसिड्स बनातीं हैं जो हृद रोगों की वजह बनता है । जंक फ़ूड का चलन कंज्यूमर प्राइज़ इंडेक्स की तरह बढ़ रहा है .
हृद रोगों के लिए मुख्य कुसूरवार स्मोकिंग की लत है .औरतों में स्मोकिंग और डायबिटीज़ की दुर्भि -संधि डायबिटीज़ की नंबर १ वजह बन रही है .(माफ़ कीजिये औरतें वह भी हैं जो बीडी पीतीं हैं हमारे आपके घरों में माई /मैड कहलातीं हैं /मजूरनें हैं /दिन भर मेहनत मजूरी करतीं हैं,हृद रोग इन्हें भी नहीं छोड़ रहा है )।
'टोबेको कंट्रोल 'जर्नल में प्रकाशित इक फिनलैंड के अध्ययन के मुताबिक़ चालीस साल से कम उम्र के धूम्र्पानियों के लिए नॉन -स्मोकर्स की बनिस्पत हार्ट अटेक का ख़तरा ५ गुना बढा हुआ रहता है .इन स्मोकर्स में से हार्ट अटेक जिन्हें पड़ चुका है उनमे इसकी मुख्य वजह धूम्रपान ही बना है .अलावा इसके ४० के नीचे जिन लोगों को दिल का दौरा इक बार पड़ चुका हैउनमे से ८० %स्मोकर्स थे .स्मोकिंग एकल रिस्क फेक्टर बनकर उभरा है इस अध्ययन में ।
पोषण विज्ञान तथा खुराक की माहिर डॉ -शुभा सभरवाल परामर्श देतीं हैं बाहर का खाना(केरी होम )और घर से बाहर खाना हफ्ते में इक बार से ज्यादा सेहत के लिए ठीक नहीं है . सलाद का अधिकाधिक स्तेमाल कीजिये .यह शरीर से विषाक्त पदार्थों की निकासी में सहायक रहता है .खाद्य रेशे रोजमर्रा की खुराक में शामिल कीजिये .भूसी और चौकर ,गेंहू का आटा चौकर युक्त अच्छे हैं ।
खुराक में रेड मीट और एग यलो कम कीजिये (कोलेस्ट्रोल से भरें हैं दोनों ).दिल की जो हिफाज़त करे ऐसा खाना खाइए .परिष्कृत तेलों की जगह सरसों का तेल (कच्ची धानी का )और ओलिव आयल स्तेमाल कीजिये ।


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