वैम्पायर फेसलिफ्ट ?
वैम्पायर फेसलिफ्ट इक सौन्दर्य वर्धक शल्य है चिरयुवा बने रहने का प्रचारित नुश्खा बतलाया जारहा है .जिसमे मरीज़ के अपने ही खून से प्लेटलेट बहुल प्लाज्मा सेंत्रिफ्युज़ से मथके अलग कर लिया जाता है ।
अब इसे (प्लेट रिच प्लाज्मा /पी आर पी को ) उसी व्यक्ति की चमड़ी में इंजेक्ट कर दिया जाता है .इसी के साथ इक पूरी श्रृंखला बद्ध प्रतिकिरिया लगातार बढती और रिएक्शन को पैदा करती चलती हैं इक कास्केड की तरह ,एव्लांश की मानिंद .,जलप्रपात सी फैलती जाती हैयह रिएक्शन जो ग्रोथ फेक्टर्स तैयार करने लगती है ।
माहिरों के अनुसार दूसरे फिलर्स (जिनमे रेस्त्य्लाने भी शामिल है या जुवेदेर्म भी ) के विपरीत चंद हफ्तों में ही प्रभाव सामने आजाता है .इस प्रोसीज़र में चमड़ी का पुनर -उत्पादन होने लगता है .स्किन री -जेंरेट्स इटसेल्फ।
असर भी दो साल तक बरकरार रहता है .कई मर्तबा इससे ज्यादा अवधि तक भी प्रभाव बना रहता है .ज्यादा स्वाभाविक है यह प्रक्रिया ।
लेकिन खामी यह है यह पीड़ा -रहित प्राविधि नहीं है .चमड़ी सुन्न पड़ जाती है सुइयां लगाने से पहले .इक दम से संज्ञा शून्य .कहाँ तक यह सब वैधानिक है कुछ माहिरों की राय में इसका कोई निश्चय नहीं .
इसीलिए कई इसे संदेह की निगाह से देख समझ रहें हैं ।
अमेरिकन सोसायटी ऑफ़ एस्थेटिक प्लास्टिक सर्जरी के प्रेसिडेंट इलेक्ट इसी मत के हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :ए शोट ऑफ़ ओन ब्लड टू कीप लुकिंग यंग(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी २४ ,२०११ ,पृष्ठ २१ ).
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
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