ड्राई आइस कार्बन -डाई -ऑक्साइड गैस का इक ठोस प्रतिरूप है .यदि कार्बन -डायोक्साइड गैस को सामान्य दाब पर ही लगातार ठंडा किया जाए तब इक क्रांतिक तापमान पर यह सीधे सीधे गैसीय से ठोस अवस्था में तब्दील हो जाती है .यह तापमान शून्य से ७८ सेल्सियस नीचे (-७८ सेल्सियस )है ।
शीतलन में ड्राई -आइस का बड़ा महत्व है .खासकर निम्न तापमानों पर खाद्यों /चीज़ों को संरक्षित बनाए रखने में .बर्फ (आइस )के बरक्स यह इक बेहतर कूलेंट पदार्थ है .(जल को लगातार ठंडा करने पर यह शून्य सेल्सियस पर तरल से ठोस अवस्था मे जीरो सेल्सियस पर ही आजाता है अलबत्ता इसका आयतन थोड़ा बढ़ जाता है ।)।
ड्राई -आइस इक रंग हीन गंध हीन गैर -ज्वलन- शील(नॉन -इन्फ्लेमेबिल )पदार्थ है . चीज़ों की कोल्ड चैन बनाए रखने में इसका बड़ा महत्व है .
रविवार, 27 फ़रवरी 2011
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