हो सकता है इस रिपोर्ट को पढने के बाद कई लोग पेग लगालें .वो क्या है कि पीने वाले को तो बहाना चाहिए आज ये गम है कल ये ख़ुशी है और फिर यह तो रिसर्च रिपोर्ट है इक दम से कुछ को अपील कर सकती है ।
रिसर्चरों की माने तो :ए टिपिल ए डे कीप्स दी डॉ एट बे.(ओरिजिनल आपको पता ही है क्या था :एन एपिल ए डे कीप्स डॉ .अवे । )।
लांसेट जर्नल ने पता लगाया है जो लोग इक या फिर दो ड्रिंक्स रोजाना ले लेते हैं वे न सिर्फ अपेक्षाकृत न पीने वाले टी टोट -लार्स से तंदरुस्त रहतें हैं ,हृद रोगों का ख़तरा भी अपने तैं घटाए रखतें हैं .(अपने खुशवंत सिंह जी को देख लीजिये ,नोना -जनेरियंन हैं ज़नाब ,मन मोहन सिंह की तरह शवाशन की मुख मुद्रा बनाए नहीं रहतें हैं ।).
दरअसल कुछ लोगों के लिए दिल की बीमारियों का ख़तरा अंगूर की बेटी २५ % तक कम कर देती है .(वाइन का मुगालता न पाले एल्कोहल की बात हो रही है )।
गिरते हुए स्वास्थ्य को मोडेस्ट ड्रिंकिंग थाम सकती है .कम शराब का सेवन ब्लड कोलेस्ट्रोल (खून में बैठी चर्बी )के स्तर को सुधार सकता है .रिसर्चरों के अनुसार हिसाब से पीना खून में कई ऐसे यौगिकों (कंपाउंड्स )के स्तर को सुधार सकता है जो रोग संक्रमण (इन्फ्लेमेशन )से बचाए रहतें हैं ।
यही कुंजी है ज़नाब यही वह प्रोसेस /प्रक्रिया है जो खून की नालियों को खुला रखती है .क्लोगिंग मुल्तवी रखती है ।
सबसे बड़ी बात यह है :प्रस्तुत अध्ययन ८४ रिसर्च पेपर्स का पुनर- मूल्यांकन है .रिव्यू है ।
कालगेरी इंस्टिट्यूट फॉर पोप्युलेशन एंड पब्लिक हेल्थ ,कनाडा ने पता लगाया है :रोजाना इक ड्रिंक्स जो लेते हैं अपने लिए दिल की बीमारियों का ख़तरा (१४-२५) %
हार्ट दीजीज़ से शरीर -छोड़ने /मरने का ख़तरा इक चौथाई तथा ब्रेन अटेक से परलोक सिधार जाने का जोखिम २% कम कर लेते हैं ।
विशेष कथन :भाई साहिब पेग मैंने भी इसे पढ़कर लगाया है लेकिन उसकी और भी वजहें हैं .ये सारे अध्ययन विदेशी हैं भारतीय सन्दर्भ नहीं है जहां धमनियां अवरुद्ध होने की प्रवृत्ति मौजूद है .सब -जीरो टेम्प्रेचर जहां अकसर रहता है वहां के लिए यह सन्दर्भ सही हो सकता है .यह युनिवर्सल नहीं है ।
वीरुभाई .
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें