टायर्ड ?ए कप ऑफ़ हॉट टी विल पर्क यु अप ,बूस्ट ब्रेन पावर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी २८ ,२०११ )।
शरीरकी ही नहीं दिमागी थकान को भी कम करती है चाय .पूर्व के अध्ययनों में चाय दिल की बीमारियों ,कैंसर तथा पार्किन्संज़ दीजीज़ को भी कम करने वाली बतलाई जा चुकी है ।
नियमित १० या १० से ज्यादा बरसों तक चाय का सेवन बोन डेंसिटी (अस्थि घनत्व )में सुधार लाने वाला बतलाया गया है ।
अब डच रिसर्चरों ने बतलाया है ,चाय में मौजूद प्राकृतिक घटक (नेच्युरल इन्ग्रेदियेंट्स ) ब्रेन पावर में इजाफा करतें हैं ,चौकस (चौकन्ना ),ज्यादा अलर्ट /एकाग्र रखतें हैं आदमी को .न्युत्रिश्नल न्यूरो -साइंस जर्नल में यह रिसर्च प्रकाशित हुई है ।
रिसर्चरों ने चाय में पाए जाने वाले प्रमुख तत्वों की पड़ताल के लिए चाय में पाए जाने वाले प्रमुख रासायनिक तत्वों की दिमागी कार्य क्षमता को प्रभावित करने का जायजा लिया .इसके लिए ४४ स्वयं सेवियों को सब्जेक्ट बनाया गया ।
चाय में मौजूद इक अमीनो एसिड एल -थेअनिने (जो इक कप ग्रीन टी में भीकेफीन के साथ साथ इतना ही रहता है )के असर की तुलना इक डमी रसायन से की गई .यानी प्लेसिबो दिया गया कुछ लोगों को तुलना के लिए ।
अब सबको इक स्विचिंग टास्क दी गई .पता चला जिन लोगों को २०-७० मिनिट के बाद चाय दी गई उनका प्रदर्शन बेहतर रहा .,बरक्स प्लेसिबो लेने वालों के .टी ड्रिंकर्स की एलर्ट- नेस भी शीर्ष पर रही ।
४० से कम उम्र के सब्जेक्ट्स (लोगों) की थकान उतारने में भी चाय ने अपना जादुई असर दिखलाया .बोध सम्बन्धी कार्य करने के दौरान चाय दिमागी एकाग्रता को बढ़ाती है क्षमता को भी .
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