सभी प्रकार के तेल /चिकनाई वसा ही हैं चाहे वह फिर परिष्कृत सफोला हो ,संड्रोप हो या फोर्च्यून ,पोस्ट -मेन हो या सरसों का तेल .देशी घी हो या वनस्पति /डालडा.ट्रांस फैट्स हों या फुल क्रीम मिल्क .अलबत्ता वसा की गुणवता में फर्क है .ट्रांस फैट्स /हाइड्रोजन युक्त वानस्पतिक तेल सबसे ज्यादा खतरनाक हैं .जो तेल ठंडा होने पर ज़म जाए वह आम तौर पर ठीक नहीं माना जाता है ।टोंड बेहतर है फुल क्रीम से .
यूं आइसक्रीम ,चोकलेट ,मख्खन ,पनीर,चीज़ आदि भी कमोबेश वसा के स्रोत हैं ।
यदि मधुमेह रोगी मोटापे और हाई -पर -टेंशन से भी ग्रस्त है तब वह हृद रोगों की चपेट में भी जल्दी आजाता है .वैसे भी आजकल हृद रोग आम हैं इसलिए मधुमेह रोगी तभी वसा ले तो बेहतर जब हृद रोगों का ख़तरा न हो .वसा भी सीमित मात्रा में ही ली जाए .
शनिवार, 26 फ़रवरी 2011
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