आजकल आदमी का शरीर बीमारियों का घर बना रहता है .कोई बिरला ही ऐसा होगा जो इक उम्र के बाद दवा लेता न देखा जाता हो ।
एंटी दाय्बेतिक दवाएं अन्य किसी भी मर्ज़ की दवाओं के लेते भी ली जा सकती हैं .एलो -पैथिक दवाएं इक दूसरे के असर को कम नहीं करती हैं सब अपना अपना असर करतीं हैं अलबत्ता थोड़ा फासला रखकर (घंटा दो के अंतर से )कई मर्जों की दवाएं भी मधुमेह की दवाओं के साथ ली जा सकतीं हैं .खुद मधुमेह रोगी रोग पुराना पड़ने पर और रोग और अपने खानपान के प्रति बे -परवाह होने पर अनेक बीमारियों की सौगात लिए फिरता है .दवा इनमे से सभी रोगों की खानी पडती है .
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें