काज़ेतिव एजेंट्स ?
(१)स्ट्रेस एंड एल्कोहल कन्ज़म्प्शन :आगे निकलने की जानलेवा होड़ अपनी कीमत वसूल रही है .जीवन का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहा है ।
एल्कोहल स्ट्रेस को कम नहीं बढाता है .सिगरेट की तरह इसका भी एंड इफेक्ट डिप्रेसिव है .
यदि आप ओल्ड हाग सिंड्रोम /स्लीप पेरेलिसिस की चपेट में है तब ग्लास से परहेज़ करें .एल्कोहल का सेवन कम करदें ।
(२)इर्रेग्युलर स्लीप :बहुत कुछ आपके स्लीप पैट्रन पर निर्भर करता है ."यो यो" स्लीप (जो क्वान्तिती और क्वालिटी दोनों में बदलती रहती है ) स्लीपिंग हेबिट्स ,लेट नाईट पार्टीज़ /स्लीप आपके चित्त (स्टेट ऑफ़ माइंड )को प्रभावित करती हैं ।
बी पी ओ में काम करने वाले जल्दी इस सिंड्रोम की चपेट में आजातें हैं .सरका -डियन रिदम की ऐसी की तैसी कर्देतें हैं अनियमित काम के घंटे ,बदलती शिफ्तें ।
जेट लेग :बारहा सात समुन्दर पार की लम्बी हवाई यात्रा भी इस सिंड्रोम से ग्रस्त लोगों के लिए ठीक नहीं है .यह स्लीप डिस -ऑर्डर्स को न्योंतना है .स्लीप पेरेलेसिस के मरीजों को ट्रांस -मेरीडियन हवाई यात्रा से बचना चाहिए ।
अन्डर- लाइंग/ऑन गोइंग मेडिकल कंडीशंस /मनोरोग :एन्ग्जायती ,बाई -पोलर इलनेस तथा पोटेशियम डिस -ऑर्डर भी स्लीप पेरेलेसिस को हवा दे सकतें हैं ,पंख लगा नै परवाज़ दे सकतें हैं इस रोग को .पोटेशियम डिस -ऑर्डर पोटेशियम की कमी से पैदा होता है ।
ऐसे में स्लीप पेरेलेसिस के रोगी को स्लीप स्टडी करवानी चाहिए .पोली -सोम्नोग्राम दूसरे विकारों की खबर देदेता है ।
रिस्क फेक्टर :मनोविकारों से ग्रस्त वे लोग जो 'नार्कोलेपसी '(देखते देखते ही दिन के किसी भी पहर अल्प काल के लिए आँख लग्जाना )केताप्लेक्सी (लोस ऑफ़ मसल टोन काज़िंग ए फाल ऑर हिप्नोगोगिक हेलूसिनेशन ),वेकिंग अप विद ए हेलूसिनेशन आर मोर एत रिस्क ।
सन्दर्भ -सामिग्री :वेकिंग अप टू फीयर .एन एलार्मिंग ५०%ऑफ़ डी पोप्युलेशन सफर्स फ्रॉम स्लीप पेरेलिसिस .अवर एक्सपर्ट्स हेल्प्स यु आइदेंतिफाई दी सिम्टम्स एंड एक्स्प्लेंस दी रेमेडियल एक्सन .(मुंबई मिरर ,फरवरी २२ ,२०११ ,पृष्ठ २७ )।
स्लीप पेरेलिसिस हम इससे पहले प्रकाशित पोस्ट में बतला चुकें हैं .यह उससे अगली किस्त थी .कृपया इससे ठीक पहली पोस्ट पढ़ें ।
वीरुभाई .
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