जैसे आसमान से रुई के फाये सी स्नो टपकती है .वैसे ही गैस के ऐसे ही धुनिहुई रुई के बादल से नीहारिकाएं पैदा होतीं हैं .रफ्ता -रफ्ता गुरुत्व इन्हें समेटता है .तमाम जाइंट गेलेक्सीज़ जिनमे अरबों सितारें हैं ऐसे ही स्नोफ्लेक्स जैसे गैसी बादल से विकसित हुईं हैं ।
स्नोफ्लेक ऐसे ही पैदा होता है .स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलोजी के नेत्रित्व में साइंसदानों की इक टीम ने इसका पहला प्रत्यक्ष प्रमाण जुटाया है ।
इस एवज तीन अलग अलग दूरबीनों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है .गौर तलब है यह सिद्धांतगेलेक्सी फोरमेशन के बाबत गत वर्ष जर्मनी के खगोल विज्ञानी लुडविग ओसर ने प्रस्तुत किया था .
बुधवार, 23 फ़रवरी 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें