रविवार, 27 फ़रवरी 2011

जीरो आयल कुकिंग क्यों ?

अधुनातन जीवन शैली में इक तरफ व्यायाम सिरे से नदारद है दूसरी तरफ खान -पान की आदत भ्रष्ट हो चुकीं हैं ऐसे में जीरो आयल कुकिंग की बात चलना कोई अजूबा नहीं है . विज्ञापनों के भ्रमित करने वाले मायाजाल से निकालने के लिए भी यह ज़रूरी है ।
कोलेस्ट्रोल फ्री तथा जीरो कोलेस्ट्रोल आयल बज़ वर्ड बने हुए हैं .कोई यह नहीं बतलाता ये तमाम वसाएं ग्लीस -राइड्स का ही खेल हैं .विज्ञापनों से भ्रमित लोग सोचतें हैं मैं तो कोलेस्ट्रोल रहित तेलसे बना भोजन खा रहा हूँ ,जितना मर्जी तेल खाऊ .लेकिन केलोरीज़ का अपना गणित है .इन तेलों से प्राप्त कुल केलोरीज़ मोटापे ,मधुमेह तथा उच्च रक्त चाप की वजह बन सकतीं हैं .समझदारी यही है इनका सीमित स्तेमाल (भोजन से प्राप्त कुल केलोरीज़ का २०-३०% से ज्यादा न हो )किया जाए .वसायुक्त भोजन का स्तेमाल कमसे कम किया जाए ।मोनो ,पोली तथा सेच्युरेतिद वसाएं बराबर मात्रा में स्तेमाल की जाएँ .सारी वानस्पतिक वसाएं इक ही थाली के चट्टे- बट्टे हैं .मोडरेशन इज दी की .
प्रत्येक खाद्य पदार्थ में कुदरती तौर पर भी कमोबेश कुछ न कुछ वसा मौजूद है .इसलिए बाहर से उसका सेवन खाना पकाने में किया ही क्यों जाए ।
जहां तक स्वाद का सवाल है तेल का अपना कोई स्वाद नहीं है यकीन न हो तो चख देखें ।
सब्जियों में स्वाद तेल का नहीं मसालों का होता है यकीन न हो तो सिर्फ बिना मसालों का स्तेमाल किये सब्जी बना देखें .सब्जियां बनाने और सुस्वादु बनाने के लिए पानी और मसाले काफी हैं .ऐसा करने पर मसाले अपने भरपूर स्वाद और गंध के साथ मुखरित होतें हैं ।
कड़ाई ,कुकर ,नान स्टिकिंग फ्राइंग पान जो भी हो उसे गैस /आग पर चढ़ाकर सबसे पहले जीरा मंदी आंच पर भून लें .हल्का लाल हो जाएगा यह ।
प्याज खातें हैं तो इसे ग्राउंड कर लें ,बारीक पीस लें और फिर भूने ,तली से चिपके तो चंद बूदें पानी की टपका दे .छींटा मारते रहें पानी का .स्वाद और रूचि के अनुरूप अदरक लहसुन को भी बारीक पीस लें ,तीनों को भूरा होने तक मंदी आंच पर भूने अधिक पानी न डालें वरना भोजन में उब्लेपन का स्वाद आजायेगा ..अब कडाही में पिसे टमाटर डालें तथा पानी का छींटा देकर फिर भूने .पानी में झाग बनने तक भूनें .अब हल्दी डालकर थोड़ी देर पकाएं .अंत में स्वाद के मुताबिक़ नमक ,लाल मिर्च ,धनिया पाउडर आदि डालें .जीरो आयल मसाला तैयार है ।
अगर सब्जी बनाना चाहतें हैं तो मसाले को सब्जी में डालें ।
अगर दाल बनाना चाहतें हैं तो भिगोई हुई या उबली हुई दाल मिलाकर पकाएं .तैयार होने पर लॉन्ग(क्लोव ) दाल चीनी(सिनमन ) ,मोटी इलायची(कारडामाम) से तैयार किया गया गर्म मसाला बुरकें .बारीक हरा धनिया काट कर परोसें .स्वाद की गारंटी है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :जीरो आयल कुक बुक (हिंदी तथा अंग्रेजी )-डॉ .बिमल छाजेड ,एम् .डी .,फ्यूज़न बुक्स ,एक्स -३० ,ओखला इंडस्ट्रियल एरिया ,फेज़ -२ ,नै -दिल्ली ,११०-०२० ,दूर -ध्वनी :०११ -४०७१२१ ००

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