शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

डिसेंट्री(अतिसार )में परहेज़ दवा से कम नहीं ....

बेशक डिसेंट्री होने पर जो आपका चिकित्सक तजवीज़ करे अम्बियोसिस के लक्षण भांप कर या फिर बेक्तीरियल एंड वायरल बोर्न दस्तों की सांझा दवा के रूप में आप लें और कोर्स पूरा करें लेकिन पतले दस्त होने पर शारीरिक कमजोरी बहुत आ जाती है क्योंकि भोजन से प्राप्त ऊर्जा में कमी आ जाती है अपच के कारण ,शरीर भोजन से पोषक तत्व ग्रहण ही नहीं कर पाता है .शरीर का तरल संतुलन (एलेक्त्रोलाइल बेलेंस )बिगड़ता है ,आवश्यक खनिज लवणों सोडियम ,पोटेशियम आदि में से किसी की भी कमी हो सकती है ,निर्जलीकरण (डिहाई -डरेशन)शरीर में पानी की कमी हो सकती है .इसलिए प्रत्येक दस्त के बाद आधा ग्लास उबाला हुआ जल ठंडा करके उसमे एक चुटकी नमक एक चम्मच्च शक्कर /खांड मिलाकर लेतें रहें ।
अन्न न लें ,दही चावल लें (चावल का मांड मल को शोख्लेता है ,ज़ज्ब करलेता )है ,केला ,बेल का मुरब्बा ,मौसमी का ताज़ा रस शरीर को पोषक तत्व मुहैया करवाता है .एलेक्त्रोल (ओरल री -हाई -डरेशन सोल्यूशन )/ग्लूकोज़ उबले पानी में घोलकर ठंडा करके दें। प्रिज़र्वेटिव युक्त पेय से बचें .
अतिसार में खान पान का संयम /परहेज़ दवा से भी ज्यादा असरकारी साबित होता है .

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