सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

पुस्तक समीक्षा :मधुमेह रोगियों के लिए २०१ टिप्स .

'मधुमेह रोगियों के लिए २०१ टिप्स '-लेखक डॉ बिमल छाजेड़ .एम्. डी .(फ्यूज़न बुक्स ,एक्स ३० ,ओखला इंडस्ट्रियल एरिया ,फेज़ -२ ,नै -दिल्ली ११०- ०२० ,सेल्स @डीपीबी.इन ,दूरभाष :०११- ४०७१२१ ०० /४१६११८६६ ।
डॉ .बिमल छाजेड़ इक नामचीन कार्डियो लोजिस्ट हैं .मैंने उनके दिल्ली के इंडिया इंटर्नेशनल सेंटर (आई आई सी )तथा इंडिया हेबीटाट सेंटर में अनेक विस्तार भाषण और सेमीनार अटेंड किये हैं .आपने दुनिया भर में इक अलख जगाई हुई है इक बीड़ा उठाया है .जीवन शैली रोगों से लोगों को निजात दिलवाने का .इसीलिए आप खुले दिमाग से काम कर रहें हैं .परम्परा गत /वैकल्पिक /योग चिकित्सा शैली/आयुर्वेद /अलोपैथी किसी से भी आपको परहेज़ नहीं है ।
प्रस्तुत पुस्तक आम आदमी की मधुमेह रोग को लेकर जिज्ञासा का समाधान प्रस्तुत करती है .मधुमेह से जुडी भ्रांतियां और तथ्यों को आपने सुग्राहीय भाषा में समझाया है ।
मधुमेह के बेकाबू होने पर कैसे यह हमारे वाइटल ओर्गेंस (किडनी ,आँख ,ह्रदय ,टांग ,आंत,पौरुष )को नाकारा बना देती है इसका बाखूबी खुलासा किया है .जनविज्ञान /लोकप्रिय विज्ञान शैली में लिखा गया यह इक प्रामाणिक ग्रन्थ है .डायबिटीज़ की गीता है .इस पुस्तक का घर घर में होना घर के लिए वरदान सिद्ध होगा ।
मैंने अपने ब्लॉग पर हालफिलाल डायबिटीज़ से सम्बद्ध जो भी लिखा है इसी पुस्तक से प्रेरित है .सन्दर्भ सामिग्री रहा है यह दस्तावेज़ मेरी हेल्थ टिप्स का .'सो तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा '।
वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ).

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