बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

सेक्स को नै परवाज़ नहीं पर -कैच बनाता है चरस और गांजा ....

मिथ और यथार्थ :चरस यौन -प्रदर्शन को बेहतर बनाता है ?
भांग जाति के इक पौधे से इक नशीला पदार्थ बनाया जाता है जिसका सेवन युवा भीड़ मौजमस्ती और कुछ इस खामखयाली में करते हैं कि यह इक लव ड्रग है लिबिडो को पंख लगाती है .लेकिन यह पूरा यथार्थ नहीं है ।
बेशक १९७० के दशक में साइंसदानों ने मैर्वाना (मारिजुआना ),गांजे जैसे इक नशीले पदार्थ एवं कामेच्छा में इक अंतर -सम्बन्ध बतलाया था इसे कामेच्छा बढाने वाला ,लिबिडो बूस्टर तथा लव ड्रग तक कह डाला था .लेकिन ताज़ा अध्ययन इसके इक दम विपरीत हैं ।
तथ्य यह है कैनाबिस का स्मोकर्स द्वारा फेशनेबुल बेतरह स्तेमाल इरेक्टाइल डिस -फंक्शन (लिंगोथ्थान अभाव )पैदा करता है .मर्द इसकी ज्यादा चपेट में आ रहें हैं ।
सेक्स्युअल हेल्थ और मारिजुआना को लेकर नया नज़रिया नै रिसर्च सामने आई है .पोट स्मोकिंग को अध्ययनों के पुँनर -आकलन में भी लिबिडो (कामेच्छा )के पंख कुतरने वाला बतलाया गया है ।
ओटावा और क्वींस यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों (कनाडा )ने बतलाया है इरेक्टाइल डिस -फंक्शन पोट स्मोकर्स (गांजा ,चरस भर कर सिगरेट पीने वालों में )में औरों से दो गुना ज्यादा पाया गया है ।
युवा भीड़ के लिए साफ़ संकेत है यह ,उनकी सेक्स लाइफ ,यौन खिलंदरी के लिए भी अच्छा नहीं है चरस और गांजा .महज़ मिथ है यह समझना मानना ,यौन जीवन को निखारता है मारिजुआना .

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