गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

बल्ड ग्लूकोज़ के प्रबंधन में भोजन की भूमिका .

मधुमेह रोगी का भोजन खून में शक्कर के स्तर को एक रेंज में बनाए रखने का एक ज़रिया है इलाज़ का हिस्सा है .क्योंकि बल्ड सुगर इस सामान्य स्तर से दिन भर में ऊपर भी जायेगी ,नीचे भी आएगी ।आपको उसे एक रेंज में बनाए रखना है .
कितनी बार खाए मधु -मेह का मरीज़ ?
यदि उसका वजन आदर्श कद काठी के अनुरूप है तो सामान्य व्यक्ति की तरह जो शारीरिक श्रम का बहुत ज्यादा काम नहीं करता है ,उसे दिन भर में १६०० केलोरी का भोजन चाहिए .शारीरिक श्रम करने वाले को २५०० केलोरीज़ का भोजन रोजाना चाहिए ।
मधूमेह के मरीज़ को दिन भर में ६ -७ बार तो खाना ही चाहिए ।
भोजन से पहले सुबह जल्दी नाश्ता ,दोपहर के भोजन से पहले चाय /चाय जैसा कुछ भी ,रात का भोजन सोते समय लें ,ताकि रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर संतुलित रहे ।
नास्ता कुल केलोरीज़ का ३०%,लंच ३५ %,डिनर २५ %हो सकता है .कुछ लोग शाम को भी खाना पसंद करतें हैं ,वह १० %केलोरीज़ का नाश्ता शाम को भी ले सकतें हैं ।
एक और बानगी /रणनीति देखिए:
(१)नाश्ता ८.३० बजे
(२)मिड मोर्निंग स्नेक्स ११.०० बजे (१००ग्राम फ्रूट्स )।
(३)दोपहर १ बजे लंच ।
(४)४.३० चाय दो बिस्किट्स के साथ ।
(५)रात ८ बजे डिनर
(६)१०.३० रात साढ़े 8बजे :बेड टाइम स्नेक्स .

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