हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में रोज़ बनता है .इसी के कारण खून का रंग लाल होता है .यह निर्माण के ९० दिन बाद तक बरकरार रहता है .जिस दिन खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है ,उस दिन बनने वाले हीमो ग्लोबिन में ग्लूकोज़ के कण भी शामिल हो जाते हैं ।
फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज़ जांच में इस बढे हुए स्तर का पता चल जाता है .यदि ब्लड सुगर नियंत्रण से बाहर हो जाए /बे-काबू हो जाए तो ग्लाइको -सिलेटिद हीमोग्लोबिन हो जाता है .सामान्य स्थिति में इसका स्तर ६% तक होना चाहिए ।
मधुमेह पर नियंत्रण न होने पर ब्लड सुगर कन्ट्रोल न रहने पर यह स्तर बढ़ जाता है ।
प्रतिदिन इसका स्तर ०.१% के हिसाब से बढ़ता जाता है .पिछले तीन महीने में आपके रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर कैसा रहा ,औसतन क्या रहा इसकी जांच के लिये यह टेस्ट किया जाता है ।
नोर्मल =४-६%,
ठीक -ठीक =६-७%,
नियंत्रण ठीक न हो ,यानी पूअर कन्ट्रोल =७-८%,
नियन्त्रण बुरा हो =८-१०%,
नियंतरण बहुत बुरा /बे -काबू =१० से ज्यादा यानी >१० .
बुधवार, 2 फ़रवरी 2011
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