व्हाट इज जैस -मीन रिवोल्युसन ?चमेली क्रांति क्या है ?
आपको बतलादें चमेली का फूल ट्यूनीशिया का राष्ट्रीय पुष्प है ,वहां हाल में हुई क्रान्ति (शांतिपूर्ण सत्ता बदलाव )के लिए मीडिया जगत ने इस शब्द का स्तेमाल किया है । क्रान्ति के फलस्वरूप ट्यूनीशिया के राष्ट्र पति को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी .
दरअसल ट्यूनीशिया में हर तीसरा युवक /युवती बे -रोज़गार है .भ्रष्टाचार भारत की तरह शिखर पर है.संवाद के मुंह पर सिटकनी लगी है ,अभिव्यक्ति का गला घोंटा जाता रहा है .खाद्यों की कीमत आसमान छूती रहीं हैं .उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़ता ही गया है .फ़ूड इन्फ्लेशन शिखर पर टंगा रहा है . तभी तो इक छब्बीस साला युवक का आत्मदाह (१७ दिसंबर २०१० )जो सब्जी का ठेला लगाता था वहां रंग लाया .इक महिला पुलिस कमिश्नर ने उसे ठेला लगाने से रोका था .उसका इलेक्ट्रोनिक तराजू भी छीन लिया था .गवर्नर के पास उसने सुनवाई करनी चाही लेकिन उसके चिरकुटों ने उसे रोक लिया .इक तरफ नगर पालिका वाले उससे हफ्ता वसूलते थे दूसरी तरफ पुलिसिया .तिस पर तुर्रा ये उसका छोटा सा संसार (सब्जी का ठेला )छीन लिया गया .फेरी की इजाज़त वापस ले ली गई .पित्रहीन इस मेट्रिक पास युवक ने माँ तथा भाई बहनों का पेट पालना चाहा ।सत्ता के संवेदन हीन पुर्जों को यह गंवारा न हुआ .
होनी को कुछ और ही मंज़ूर था .तंग आकर युवक ने पैंट थिनर अपने ऊपर छिड़क लिया .आग लगा ली .स्पिरिट की तरह इन -फ्लेमेबिल होता है यह .९५ % झुलस गया था यह युवक .४ जनवरी २०११ को इसने दम तोड़ दिया .आखिरकार राष्ट्रपति इसे देखने पहुंचे .लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी .राष्ट्रपति जेनुल अबीदीन बेन अली को सत्ता गंवानी पड़ी .युवक मोहम्मद बोअया जीजी की शाहादत रंग लाई .जन -आन्दोलन इक चिंगारी से दावानल बन गया .बस यही चमेली क्रान्ति है .भारत सावधान रहे .
रविवार, 13 फ़रवरी 2011
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