सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

अब बढ़ेगी परिवार नियोजन में पुरुष की सीधी भागेदारी ..

अकसर पुरुष कहते सुने जाते हैं भाई साहिब क्या करू मुझे लेटेक्स से एलर्जी है (ऐसे में कैसे सुरक्षा कवच धारण कर कुरुक्षेत्र के मैदान में कूदूं ?)दूसरा कहेगा आई वांट रीयल थिंग .महिलायें प्रतिवाद करेंगी साले को सब पता चल जाए जो इक बार भी बच्चा पैदा करना पड़ जाए ।
अब एडिनबरा विश्वविद्यालय के साइंसदानों ने इक ऐसा टीका ढूंढ लिया है जो पुरुष के लिए है जिसे सिर्फ दो महीनों में इक बार लगवाना पड़ेगा .रोजमर्रा के कर्म-काण्ड से छुटकारा .विश्वस्वास्थ्य संगठन ट्रायल के तहत इसकी आजमाइशों में दुनिया भर से २०० जोड़ों को शरीक किया गयाहै .इससे पूर्व इसकी आजमाइशें स्कोट्लैंड में करके देखी गईं थीं ।
यह टीका हारमोन टेस्टों -स्टेरोंन और प्रो -जेस्टिरोंन का मिश्र है .यह टीका देखते ही देखते पुरुष स्पर्म -काउंट को इक न्यूनतम प्रजनन -क्षमता (वायेबिल थ्रेश -होल्ड )से नीचे ले आता है .इक मिलीलीटरमें मौजूद २ करोड़ शुक्राणुओं से शून्य तक स्पर्म की तादाद को ले आता है .बस आज़माइश के दौरान इसके दो टीके लगाये गए .अन्य स्वयं सेवियों में भी यह टीके शुक्राणु (स्पर्म )को २ करोड़ से घटाकर दस लाख प्रति मिलीलीटर तक लाने में समर्थ पाया गयायह संख्या थ्रेश -होल्ड से कम है प्रजनन क्षम नहीं है .अलबत्ता इसके व्यापक परीक्षणों की ज़रुरत रिसर्चरों ने बतलाई है ताकि किसी भी प्रकार के पार्श्व प्रभाव से निश्चिन्त हुआ जा सके ।
उम्मीद की जा सकती है व्यापक परीक्षणों में इसकी कामयाबी के बाद परिवार नियोजन में पुरुष की सहर्ष सक्रिय भागे -दारीबढ़ेगी .

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