बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

कया है ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट ?

इसमे बारह घंटे की फास्टिंग ज़रूरी है .यानी रात का खाना यदि आठ बजे खा लिया है तब सुबह आठ बजे खून का ऊंगली से सेम्पिल देने तक कुछ नहीं खाना है .रात को शराब या ज्यादा मीठी चीज़ का सेवन भी डिनर में न करें .इसके फ़ौरन बादयानी सुबह आठ बजे सेम्पिल देने के बाद मरीज़ को ७५ ग्राम ग्लूकोज़ पानी में घोल कर एक साथ पिला दिया जाता है .अब तीन घंटे के अन्दर अन्दर हर आधा घंटा बाद रक्त का सेम्पिल लिया जाता है .इस जांच से एक ग्राफ तैयार किया जाता है जिससे इंसुलिन तथा ग्लूकोज़ के बारे में पता चलता है ।
इसे मुखीय ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट भी कहा जाता है .रोग के आरंभिक चरण में यह जांच फायदेमंद हो सकती है .बेशक अब यह चलन से बाहर होता जा रहा है क्योंकि इसमे ६-७ बार ऊंगली में सुईं चुभोकर खून का सेम्पिल लिया जाता है जिससे मरीज़ को असुविधा होती है .तथा वाई पर ग्लूकोज़ की रक्त में मौजूद पाई गई मात्रा मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर में ली जाती है .

ग्राफ बनाते वक्त एक्स अक्ष पर समय t

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