सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

ब्रेन अटेक के बाद हल्दी की भूमिका ....

करी क्योर :टुर्मेरिक कैन रिबिल्ड ब्रेन आफ्टर स्ट्रोक (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी ११ ,२०११ ,पृष्ठ २५ )।
एनीमल स्टडीज़ के बाद यह पुष्ट हुआ ,हल्दी में मौजूद इक रसायन को शामिल करते हुए इक मिश्र दवा तैयार की गई है जो ब्रेन अटेक के बाद दिमागी कोशिकाओं को दोबारा पैदा करने में कायाब है री - जेनरेट कर सकती है ब्रेन सेल्स को स्ट्रोक के बाद ।
अमरीकी रिसर्चरों के मुताबिक़ यह दवा हल्दी में मौजूद इक आणविक यौगिक कुर्क्युमिन से तैयार की गई है जो हल्दी में पाया जाने वाला इक पीत- वर्णी रंजक (यलो पिगमेंट )है ।
पौल लप्चक के मुताबिक़ इसके ह्यूमेन ट्रायल्स जल्दी शुरू हो सकतें हैं .यह उन पाथ्वेज़ को रेस्टोर कर सकती है जो न्युरोंस को फीड करतें हैं ।
यह अभिनव दवा बेशक क्लोट्स पर आक्रमण नहीं करती है लेकिन स्ट्रोक से पैदा होने वाले 'मोटर देफिशित'यानी पेशी तथा गति संचालन सम्बन्धी परेशानियों को घटाती है ।
इस दवा में मौजूद यौगिक 'सी एन बी -००१ 'ब्लड ब्रेन बेरियर को क्रोस कर जाता है .तेज़ी से दिमाग में विभाजित होकर फ़ैल जाता है तथा न्यूरल सर्वाइवल मेकेनिज्म को संशोधितऔर संतुलित करने लगता है ।
अमेरिकन हार्ट असोशियेशन इंटर -नॅशनल स्ट्रोक कोंफरेंस के समक्ष इन अन्वेषणों को रखा जा चुका है .

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