मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

सौर मंडल की बाहरी हदों में इक और भी गुरुतर बृहस्पति है .

प्लेनेट बिगर देन जुपिटर इन सोलर सिस्टम :(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी १५ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।
हमारे सौर मंडल के सीमान्त प्रदेश में इक और भी वृहद् आकार का ग्रह हो सकता है जिसका आकार बृहस्पति से भी चार गुना बड़ा हो सकता है .इसकी कक्षा पृथ्वी की कक्षा के बरक्स सूरज से हज़ारो गुना दूर होगी .इसीलिए यह आदिनांक दुर्बोध बना रहा .धुंध में खोया रहा ।
समझा जाता है यह बाहरी ऊर्ट क्लाउड (धूमकेतुओं का बाहरी बादल )में इक गैसी महाकाय आकाशीय पिंड के रूप में मौजूद रहा है .इसे 'त्यचे '(टी वाई सी एच ओ )कहा जा रहा है .समझा जाता है अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था "नासा "ने अपने अन्तरिक्ष टेलिस्कोप 'वाइज़ 'से इसका पतापहले ही लगा लिया था .इस बरस के उत्तरार्द्ध में इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी .

1 टिप्पणी:

Ashish Shrivastava ने कहा…

http://blogs.discovermagazine.com/badastronomy/2011/02/14/no-theres-no-proof-of-a-giant-planet-in-the-outer-solar-system/