देशी समाधान के बतौर पीलिया होने पर क्या करें ?
आप जानतें हैं पीलिया होने पर चमड़ी का रंग पीला हो जाता है ,यहाँ तक की आंख और नाखून भी पीले दिखने लगतें हैं ।पेशाब भी पीले रंग का आता है .शरीर में शिथिलता और कमजोरी अन्न से अरुचि हो जाती है .इस रोग में कार्बो -हाइड्रेट्स युक्त सुपाच्य पदार्थ ही भले .प्रोटीन और वसा लीवर पर दवाब बढातें हैं .वर्जित हैं .
कच्चे पपीते की बिना मिर्च मसाले की उबाली हुई सब्जी खाने से आराम आता है ।
मूली के ४०-५० ग्राम रस में मिश्री मिलाकर रोगी को खाली पेट दें.हल्दी और दूध का सेवन न करें ।गन्ने का रस (बाज़ार का गंदगी मिला पीने से रोग और भी बढ़ जाता है .
पीलिया में पीपल का शरबत :पीपल की ३-४ कोपलें /नए मुलायम पत्ते तोड़कर पानी से साफ़ कर लें .मिश्री या चीनी के साथ इन्हें पीस लें .२५० ग्राम पानी में इस मिश्र को घोलकर बारीक कपडे में छान लें .पीपल के पत्तों का शरबत तैयार है .इसे दिन में दो बार रोगी को पिलायें .३-७ दिन में आराम आजायेगा ।
इस रोग में आहार ही इलाज़ का प्रमुख हिस्सा होता है अलबत्ता हिमालय ड्रग्स की लिव -५२ गोलियां दिन में तीन बार भोजन के बाद लेने से आराम आता है ।
पोदीने का रस निकालकर सुबह चीनी मिलाकर पीना पीलिया में लाभदायक सिद्ध होता है ।
संतरे का रस खाली पेट देना आराम देता है ।
नारियल पानी दीजिये .इक कप पानी में इक चम्मच ग्लूकोज़ मिलाकर सुबह दोपहर शाम दीजिये ।
इक ग्लास बटर मिल्क /छाछ सपरेटा /स्किम्ड मिल्क /लाईट मिल्क से तैयार किया गया /वसा रहित इक चुटकी कली मिर्च मिलाकर लेने से आराम आता है .
शनिवार, 12 फ़रवरी 2011
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