हाव डु यु रिकग्नाइज़ स्ट्रोक ?
यकायक शून्य में से चले आतें हैं स्ट्रोक के लक्षण :ज़रूरी है इन्हें आप पहचानें और तुरंत आपातसेवाओं से संपर्क साधें .इस समय स्ट्रोक के लिए बेहतरीन दवाएं उपलब्ध हैं जो सिर्फ अस्पताल में ही दी जातीं हैं लेकिन देरी होने पर ये दवाएं अपना असर और धार खो देतीं हैं .ज़रूरी है, जल्दी से जल्दी पहुचा जाए हर मिनिट कीमती है ,तीन घंटे से हर हाल में पहले पहले पहुंचा जाए .वरना दवाएं भी बेहतरीन से बेहतरीन कुछ न कर सकेंगी .
(१)अचानक बाजू या टांग का , चेहरे का संवेदन शून्य हो जाना ,स्पर्श शून्य हो जाना ,जैसे सुन्निपात हो गया हो .खासकर शरीर के एक ही तरफ के सारे अंगों बाए या दाए पार्श्व के अंगों का ।
(२)अचानक भ्रम की स्थिति पैदा हो जाना न कुछ बात कह पाना न समझ पाना ,न बता पाना ,
(३)एक या दोनों आँखों की बीनाई (विजन )का यकायक कमज़ोर पड़जाना ।
(४)डबल विजन एक की जगह दो -दो चीज़ें दिखलाई देना ।
(५)चलने में दिक्कत होना ,डगमगाना ,संतुलन और समन्वयन न रख पाना .चक्कर आना ,मिचली ,वमन आदि होना ।
(६)बिना किसी वजह के तेज़ सिर दर्द महसूस होना .इनमे से कुछ भी लक्षणों के दिखलाई देने पर या तो आप खुद पहल करें आपातकालीन सेवाओं तक कैसे भी जल्दी से जल्दी पहल करें यदि आप अकेले हैं या फिर साथ वाले व्यक्ति का यह फ़र्ज़ बनता है वह ऐसी जीवन रक्षक पहल करे ।
हमेशा की तरह एक शैर पढ़िए :
गैरों से कहा तुमने ,गैरों को सूना तुमने ,
कुछ हमसे कहा होता ,कुछ हमसे सूना होता ।
सन्दर्भ :हमारी मरहूम जीवन -संगनी जो बीच धार छोड़ कर कूच कर गईं इस दुनिया से असमय ही .,इस शैर को पढ़ा करतीं थीं .
(ज़ारी ...)
सोमवार, 9 मई 2011
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