व्हाट कौज़िज़ पेनिक डिस -ऑर्डर :माइंड ,बॉडी ऑर बोथ ?
बॉडी :बेशक कुछ आनुवंशिक प्री -डिस -पोजीशन ,रोग प्रवणता ,प्रवृत्ति हो सकती है पेनिक डिस -ऑर्डर की कुछ विकार ग्रस्त लोगों से पता चलता है उनके परिवार में किसी और को भी पेनिक डिस -ऑर्डर या फिर अवसाद की शिकायत रही होती है .।
जुडवाओं(ट्विन्स )पर किये गए अध्ययनों से इस विकार के आनुवंशिक आधार की भी पुष्टि हुई है ।यानी परिवारों में इसे चलता देखा गया है ।
बेशक इसकी वजह बायलोजिकल माल -फंक्शन (जैविक प्रकार्य में खलबली )भी हो सकती है .हालाकि अभी तक किसी ख़ास बायोलोजिकल मार्कर की शिनाख्त नहीं की जा सकी है ।
एथनिक समूहों को इसकी रोग प्रवणता बनी रहती है .एथनिक ग्रुप्स आर वल्नारेबिल टू पेनिक डिस -ऑर्डर .
औरतों के इसकी चपेट में आने की संभावना मर्दों से दो गुना ज्यादारहती है .लेकिन इसकी वजह क्या है अभी अन - अनुमेय ही है .
माइंड :स्ट्रेस -फुल लाइफ इवेंट्स ट्रिगर बन सकतीं हैं इस विकार का .साथी से हालिया विछोह ,तलाक अथवा मृत्यु .रिसर्चर जीवन की प्रतिकूल, दवाब -कारी परिथितियों की, लाइफ स्त्रेसर्स की तुलना इक थर्मो -स्टेट से करतें हैं ,बकौल इनके जब दवाब रोग प्रति -रोधी क्षमता ,रेजिस्टेंस को कम कर देता है ,रोग प्रवणता के भौतिक कारण सिर उठालेतें हैं ,जो प्रसुप्तावस्था में पड़े थे .बस अटेक के भौतिक लक्षणों का प्रगटन हो जाता है ।
बोथ :भौतिक (कायिक )और मनो -वैज्ञानिक दोनों वजहें मिलकेभी काम करतीं हैं .यद्यपि आरम्भ में अटेक इक दम से शून्य में से प्रगट हो सकता है ,कालान्तर में मरीज़ खुद इनका आवाहन कर सकता है ,अपनी सोच से ,भौतिक लक्षणों को वह अटेक मानने लगता है फिर चाहें वह दिल की मामूली सी ही बढ़ी हुई धुक- धुक (लुब डूब साउंड ही क्यों न हो ).
मसलन यदि इस विकार से ग्रस्त व्यक्ति की दिल की धडकनें कोफी पीने सेकोई दवा खाने से या कसरतकरने से भी जरा सी बढ़ जाती हैं ,वह इन लक्षणों को अटेक से जोडके देखने लगता है .यानी उसकी खुद की एन्ग्जायती अटेक को न्योता देती है ।
दूसरी तरफ यह भी होता है कई मर्तबा इन चीज़ों से अटेक पड़ भी जाता है .उसके लिए सबसे बड़ी हताश करने वाली बात यह होती है ,इन ट्रिगर्स को कैसे अलग करके देखा जाए .इसीलिए सम्पूर्ण चिकित्सा ही सही चिकित्सा मानी जाती है इस विकार की जिसमे केंद्र में सभी कारणों को रखा जाता है -कायिक (भौतिक ,फिजिकल ),मनो -वैज्ञानिक तथा शरीर -क्रिया -वैज्ञानिक यानी फिजियोलोजिकल ।
(ज़ारी ..).
मंगलवार, 3 मई 2011
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2 टिप्पणियां:
आदरणीय शर्मा जी बहुत अच्छी जानकारी मिल रही आपकी पोस्ट से आपका बहुत आभार
shukriya sunil bhai !
veerubhai .
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