सोमवार, 9 मई 2011

रिस्क फेक्टर्स फॉर ए ब्रेन अटेक

रिस्क फेक्टर्स ऑफ़ ए ब्रेन अटेक :
रिस्क फेक्टर यानी जोखिम के सबब एक ऐसा व्यवहार है ,आदत या स्थिति है जो उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जिन्हें किसी रोग का ख़तरा रहता है ,बरक्स उनके जिन्हें ऐसा कोई जोखिम नहीं है ।
और रिस्क फेक्टर मौजूद होने का यह मतलब भी हर दम नहीं होता आपको स्ट्रोक होगा .जोखिम मुक्त होने का भी यह मतलब नहीं है ,स्ट्रोक पड़ ही नहीं सकता (स्ट्रोक यानी ब्रेन अटेक ,आम भाषा में कहें तो दिमागी दौरा )।
अलबत्ता रिस्क फेक्टर्स की गंभीरता ,विकरालता ,सीवीयर -ईटी बढ़ने से जोखिम ज़रूर बढ़ जाता है स्ट्रोक की लपेट में आजाने का ।
सभी उम्र ,नस्ल ,देश और जेंडर के लोगों में स्ट्रोक देखा जा सकता है .जन्म पूर्व भी गर्भस्थ इसका ग्रास बन सकता है .अफ़्रीकी अमरीकियों में वाईट पोप्युलेशन के बरक्स स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु दर दोगुना है ।
साइंसदानों को कुछ अल्प -संख्यक समुदायों में गंभीर जोखिम पैदा करने वाली चीज़ों,तत्वों का पता चला है .इनमे स्ट्रोक्स के पैट्रंस का अध्ययन चल रहा है .
स्ट्रोक से बचाव ही उसकी सर्वोत्तम चिकित्सा माना जाता है .इससे जुडी वे तमाम स्थितियां जिनका इलाज़ हो सकता है इस प्रकार हैं :
(१)हाई -ब्लड प्रेशर ।दवा दारु के अलावा ,संतुलित स्वास्थ्य कर खुराक ,कद- काठी के अनुरूप वेट को बनाए रखना ,थोड़ी सी नित्य प्रति की कसरत इसका समाधान प्रस्तुत करतीं हैं ।

(२).सिगरेट स्मोकिग :आप छोड़ सकतें हैं इस व्यसनों के सिर-मोर व्यसन को .मेडिकल हेल्प ले सकतें हैं इसे छोड़ने के लिए ।
(३)हार्ट डिजीज :थक्का बनना रोका जाता है हार्ट डिजीज में .यही थक्का अकसर दिल से चलके दिमाग तक पहुंचता है ,दिमाग को खून ले जाने वाली आर्टरी के ज़रिये .एस्पिरिन थिरेपी सहज सुलभ है .डोज़ निर्धारण आपका कार्डियोलोजिस्ट करेगा ।
(४)डायबिटीज़ :डायबिटीज़ को काबू में रखिये .सटीक और नियमित इलाज़ ,गुड कंट्रोल ऑफ़ ब्लड सुगर पेचीला पन और जटिलताओं को मुल्तवी रखता है ,स्ट्रोक का ख़तरा भी टलता रहता है ।
(५)त्रन्सिएन्त स्कीमिक अटेक्स:ये अल्पकालिक स्ट्रोक हैं जिन्हें मिनी स्ट्रोक भी कह देतें हैं जो चंद मिनिटों से लेकर चंद घंटा ही रहतें हैं .लेकिन इनकी कभी भी भूल के अनदेखी नहीं करनी हैं दवाएं इनका समाधान परस्तुत करतीं हैं ।

(ज़ारी...).
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कुछ लोग इस तरह ,जिंदगानी के सफ़र में हैं ,
दिन रात चल रहें हैं ,मगर घर के घर में हैं ।
(सौजन्य :डॉ चाचाजी श्री राम कृपाल शर्मा ,अमन फार्मेसी ,अपर रोड ,हरिद्वार (उत्तराखंड ),इंडिया ).

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