रविवार, 1 मई 2011

हाव इज पोस्ट त्रौमेतिक स्ट्रेस दिस -ऑर्डर दय्ग्नोज.

पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिस -ऑर्डर के रोग निदान (डायग -नोसिस )के लिए कोई विशेष और निर्धारित लेब टेस्ट्स नहीं है .लक्षणों के आधार पर ही इस विकार का रोग निदान किया जाता है .
अलबत्ता आपका पारिवारिक चिकित्सक या और कोई भी काय -चिकित्सक (फिजिशियन )आपकी पूरी मेडिकल हिस्टरी और फिजिकल एग्जामिनेशन कर सकता है ताकि यह जाना जा सके कि मौजूदा लक्षणों की कोई और वजहें काया रोग तो नहीं हैं .कोई भी कायिक रोग न मिलने पर काया -चिकित्सक आपको इक मनो -रोग -विद (साईं -काट -रिस्ट),क्लिनिकल कोंसेलर या किसी अन्य मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के पास रोग निदान के लिए भेज सकता है ।
यहाँ मनोरोग विद और कोंसेलर की टीम के पास आपके लिए होता है -
(१)स्पेशियली डिज़ा -इंद इंटर -व्यू ।
(२)कुछ और असेसमेंट टूल्स ।
ताकि संभव एन्ग्जायती डिस -ऑर्डर के बारे में पता लगाया जा सके ।
डॉ की आखिरी डायग -नोसिस का आधार कई बातें बनतीं हैं -
क्या मौजूदा लक्षण आपके दैनिक कामों में खलल डालते रहें हैं .किस डिग्री की डिस -फंक्शनिंग मौजूद है .क्या असर पड़ा है इन लक्षणों का आपके सभी काम- काज पर.और सबसे बड़ी बात कबसे मौजूद हैं ये लक्षणहादसा गुज़र जाने के बाद से -
यदि लक्षण फ़ौरन शुरू होकर एक महीने से ऊपर बने रहतें हैं तब यह -पी टी एस डी है ।अलबत्ता कुछ लोगों में लक्षण साल ६महिने बाद भी प्रगटित होतें हैं .इनका निदान और इलाज़ थोड़ा पेचीला हो जाता है .
बच्चों ,नौनिहालों में इस एन्ग्जायती डिस -ऑर्डर का असर उनकी डिलैद टोय्लित ट्रेनिंग ,लर्निंगएबिलितीज़ आदि पर पड़ता है .
(ज़ारी...)

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