बेहिसाब शराब का सेवन एक और ऐसा रिस्क फेक्टर है स्ट्रोक को हवा देने वाला जिससे बचा जा सकता है .आम तौर पर ज्यादा शराब पीने से ब्लड प्रेशर भी ज्यादा बढा हुआ रहता है .साइंस दान ऐसा मानते हैं ,हेवी ड्रिंकिंग "हेमरेजिक "तथा" स्कीमिक स्ट्रोक्स "के लिए बराबर खतरे पैदा करती है ,लेकिन कई अध्ययनों में बहुत कम मात्रा में (३०-४० मिलीलीटर )एल्कोहल का रोजाना सेवन स्कीमिक स्ट्रोक के खतरे को कम करने वाला पाया गया है .शायद इसकी वजह यह है एल्कोहल हमारे खून में प्लेटलेट्स के थक्का बनाने ,क्लोत्टिंग करनेकी क्षमता को कम करता है .एल्कोहल का मोडरेट सेवन एस्पिरिन की तरह काम कर सकता है .यानी ब्लड क्लोतिंग को कम करके स्कीमिक स्ट्रोक के खतरे को कम कर सकता है ।
दूसरी और हेवी ड्रिंकिंग प्लेटलेट की संख्या का सफाया करके ,ब्लड क्लोतिंग से समझौता कर सकती है ,ब्लड विस्कोसिटी (खून की स्यानता,गाढापन ,रेजिस्टेंस तू फ्लो )से भी .नतीज़न व्यक्ति के लिए हेमेरेजिक स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है ।
अलावा इसके बिंज ड्रिंकिंग (हेवी ड्रिंकिंग )का रिबाउंड असर है ,जो एल्कोहल के शरीर से निकल जाने पर अपना असर दिखाता है .इसी रिबाउंड इफेक्ट की वजह से ब्लड विस्कोसिटी (थिकनेस )तथा खून में प्लेटलेट्स का स्तर एक दम से बढ़ जाता है .बस स्कीमिक स्ट्रोक का ख़तरा भी बढ़ जाता इसी के साथ ।
प्रतिबंधित दवाओं (कोकीन ,क्रेक कोकीन आदि )का सेवन /लत स्ट्रोक के खतरे को बढातें हैं .कोकीन तो स्ट्रोक के लिए उत्तरदाई दूसरे रिस्क फेक्टर्स यथा हाई -पर -टेंशन दिल की बीमारियाँ तथा वैस्क्युलर डिजीज को भी बढ़ाती है जो स्ट्रोक को प्रेरित करतीं हैं ।
यह सापेक्षिक सेरिब्रो -वैस्कुअल्र रक्त प्रवाह को ,रिलेटिव सेरिब्रो -वैस्कुलर ब्लड फ्लो को ३० % तक कम कर सकती है । इसी से वैस्कुलर कोंस्त्रिक्सन पैदा होता है ,वेस्कुलर रिलेक्सेशन बाधित होता है तथा कुलमिलाकर धमनियां इसके असर से संकरी (नेरो )हो जातीं हैं ।
कोकीन दिल को भी असर ग्रस्त करती है ,आर्ह्य्थ्मिअस्की वजह बनती है तथा दिल की धडकन की रफ्तार को भी बढ़ाती है .इसीकी वजह से खून के थक्के बन जातें हैं ।
मारिजुआना स्मोकिंग भी स्ट्रोक के खतरे को बढा सकती है .मारिजुआना ब्लड प्रेशर घटाती है तथा दूसरे रिस्क फेक्टर्स के साथ इन्तेरेक्त कर सकती है जैसे हाई -पर -टेंशन ,स्मोकिंग नतीज़न ब्लड प्रेशर लेविल जल्दी जल्दी ऊपर नीचे कम ज्यादा होने लगता है .बस ब्लड वेसिल्स के नष्ट करने को यह काफी होता है .तार को भी अगर विपरीत दिशाओं में आप मोड़ते रहिये तो वह टूट जाता है यह तो आर्टरी है .
एम्फ़ितामाइन्स ,हेरोइन ,तथा एना -बोलिक स्तेरोइड्स (ड्रग्स ऑफ़ एब्यूज )भी स्ट्रोक के खतरे को बढाने वाली स्ट्रोक के मामले में संदेह की निगाह से देखी गईं हैं .इनमे से कई वैसो -कोंस्त्रिक्टर सिद्ध हुईं हैं (रक्त वाहिकाओं में अवरोध पैदा करतीं हैं ).रक्त चाप इसीलिए इनके अवरोधन से बढ़ जाता है ।
(ज़ारी ॥)।
हमेशा की तरह एक शैर आज भी पढ़िए :
"लोग मेरे साए आराम फरमाते रहे ,
और मैं दीवार होने की सजा पाता रहा . "
गुरुवार, 12 मई 2011
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2 टिप्पणियां:
जानकारी अच्छी लगी।
शुक्रिया बहुतबहुत आपका ,हौसला अफजाई
के लिए .
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