हाव लॉन्ग डज़ ट्रीट -मेंट टेक ?
सबसे बड़ी बात आपका ट्रीटमेंट के लिए राज़ी होना नियम निष्ठ हो उस पर चलना है .बहु -आयामी हो सकता है ये इलाज़ ,रातों रात इसका समाधान नहीं निकलता है .जाते जाते ही जाती है बीमारी .अलबत्ता यदि आप इस पर टिके रहे तो १०-२० वीकली सेशंस के भीतर -भीतर खासा सुधार दिखेगा आपको .आत्म -विश्वाश भी बढेगा अपने प्रति .खौफ कम होता जाएगा पेनिक अटेक का साल बीतते न बीतते आपको इक दम से अपनी हालत में सुधार साफ़ साफ़ दिखलाई देगा ।इलाज़ को मुकम्मिल करना या लटकाए रखना सिर्फ और सिर्फ आपके ही हाथ में रहता है .
मदद आपको अपने इलाके में मिल जायेगी पेनिक डिस -ऑर्डर को हौवा न बनाए ,समझें .बस आपको एक मान्यता प्राप्त ,बाकायदा प्रशिक्षित ,योग्यता प्राप्त मनो -रोग विद ,मनो -विज्ञानी ,पेनिक और एन्ग्जायती डिस -ऑर्डर के माहिर के पास पहुंचना होगा .यह माहिरी ,विशेषग्यता का दौर है स्पेशलिस्ट आपको मिल जायेंगें .
अपने थिरेपिस्ट को साफ़ बतलाइये जो भी आप महसूस करतें हैं ,आपकी आशंकाएं हैं ,डर हैं ,यदि आप सोचतें हैं आप पेनिक अटेक से ग्रस्त हैं तो उस पर यह बात साफ़ साफ़ ज़ाहिर कीजिये .बेशक पूछिए -क्या आपको इस विकार को ठीक करने का अनुभव है .व्हाट कैन आई एक्स -पेक्ट ,क्या प्रोग्नोसिस रहती इस रोग की ?
वक्त बदल गया है :पेशेंट्स हेज़ राईट ।
एक बात लगातार ध्यान रहे -किसी भी संवेगात्मक ,भावात्मक विकार ,इमोशनल डिस -ऑर्डर की तरह आप इस विकार का इला ज और रोग निदान खुद नहीं कर सकते .
नैदानिक मनो -विज्ञानी (क्लिनिकल साईं -कोलोजिस्त )ही इस काम में माहिरी हासिल किये है .वह माहिर मनो -रोगों का माहिर भी हो सकता है .एक रोग निदान पुख्ता करता है दूसरा इलाज़ करता है ।
विशेष :यह जानकारी सिर्फ जन -शिक्षण हेतु ही है ,इलाज़ ,रोग निदान और प्रबंधन के लिए आप माहिरों के पास पहुंचें .
मंगलवार, 3 मई 2011
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