आवर्ती या रिकरेन्ट स्ट्रोक (ब्रेन अटेक )?
बिरली घटना नहीं है आवर्ती स्ट्रोक जितने लोग अपने पहले स्ट्रोक से उभर आतें हैं निकल आतें हैं ,उनमे से पांच साल के भीतर २५ %लोग फिर इसकी चपेट में आजातें है .
स्ट्रोक डिस -एबिलिटी और डेथ की बड़ी वजह बना हुआ है "रिकरेन्ट स्ट्रोक ".हर आवृति पुनरावृत्ति के साथ गंभीर डिस -एबिलिटी और मौत का ख़तरा बढ़ता जाता है .
स्ट्रोक के बाद ही रिकरेन्ट स्ट्रोक का ख़तरा सर्वाधिक होता है बेशक समय के साथ यह जोखिम कम हो जाता है ।
तकरीबन ३%लोग पहले स्ट्रोक के बाद सिर्फ तीस दिनों के भीतर ही दूसरे स्ट्रोक की चपेट में आजातें हैं ।
एकतिहाई री -करेंट स्ट्रोक पहले स्ट्रोक के दो साल के भीतर -भीतर आजातें हैं .
(ज़ारी॥)
विशेष :आज से हम अपनी सेहत रिपोर्टों को दिलचस्प बनाने के लिए एक दो शैर ज़रूर इनके बाद चस्पा करेंगें ,
सन्दर्भ सहित .
हमारे डॉ .चाचाजी ,शैर और शायरी करते थे .अकसर शैर का ज़वाब एक और शैर से देते थे -
एक मर्तबा हमने एक शैर पढ़ा -
"पूछना है गर्दिशे ऐयाम से ,
अरे !हम भी बैठेंगे कभी आराम से ।".
दूसरी मर्तबा जब हम उनसे मिले उन्होंने ने इसकी पलट पढ़ी -
"जाम को टकरा रहा हूँ ,जाम से ,
अरे ,खेलता हूँ गर्दिशे ऐयाम से ,
और उनका गम ,उनका तसव्वुर ,उनकी याद ,
अरे !कट रही है ज़िन्दगी आराम से ".
सोमवार, 9 मई 2011
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