स्ट्रोक (ब्रेन अटेक )की तरह ही इन अल्पकालिक अटेक्स की शुरुआत होती है लेकिन बिना कोई ख़ास अपना असर या लक्षण पैदा किये ये निकल जातें हैं .टी आई ए (त्रन्सिएन्त स्कीमिक अटेक )का आना इक चेतावनी है आगे कोई बड़ा तूफ़ान एक "दिबिलितेतिंग स्ट्रोक आने वाला है "(जैसे अन -स्टेबिल एंजाइना के बाद मायो -कार्डिएक -इन्फार्क्शन,दिल के बड़े दौरे का ख़तरा मुंह बाए खडा हो जाता है )।
जिन५ ० ,००० अमरीकियों को हर बरस यह मिनी स्ट्रोक आता है उनमे से एक तिहाई के आगे चलके के एक एक्यूट स्ट्रोक की चपेट में आ जातें हैं ।
ऐसे में अगर दूसरे जोखिम पैदा करने वाले तत्व /कारण या फेक्टर्स भी मौजूद हों तब रिकरेन्ट स्ट्रोक की संभावना और भी बलवती हो जाती है ।
"टी आई ए "की औसत अवधि चंद मिनिटों की ही होती है ,.अकसर तकरीबन हरेक मामले में लक्षण एक घंटे में ही समाप्त हो जातें हैं ।
बेशक यह जानने समझने की कोई सूरत नहीं रहती है यह टी आई ए ही है या लक्षण बने रहेंगें और जानलेवा बन जायेंगे .अशक्त करके छोड़ेंगे ।
हरेक स्ट्रोक एक आपात -काल होता है इसे हलके में न लिया जाए .यह आपसे आप चला जाएगा इसका इंतज़ार न किया जाए .
(ज़ारी ..)
सोमवार, 9 मई 2011
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