गुरुवार, 5 मई 2011

एक मुल्क जिसका नाम है -झूठिस्तान .

जी हाँ !झूठ का पुलिंदा है यह देश ,ढीठपने को भुनातें हैं यहाँ के हुकमरान .और किसी के प्रति वफादार हों न हों झूठ के प्रति इनकी पूरी प्रति -बद्धताहै ,वफादारी है ।
आतंक -वाद की खोह है पनाहगाह है यह मुल्क यहाँ पता नहीं अभी कितने लादेन और पनाह लियें हैं .जूठ बोलने में कोई सानी नहीं इनका ।
खासी शातिर खुफिया एजेंसी माना जाता है "आई एस आई "को .लेकिन उसके मुखिया को यह नहीं पता यहीं कहीं उनके पड़ोस में एक बिन लादेन था ।
लादेन के पड़ोस में इस मुल्क की फौजी अकादमी भी है अभी हफ्ता भर पहले उसकी पासिंग आउट परेड में झूठिस्तान का फौजी प्रमुख पहुंचा था .उसने बे -तहाशा अपनी पीठ थपथपाई थी कहते हुए -हमने आतंक वाद ,दहशत -गर्दी ,इन्तहा -पसंदगी की कमर तोड़ दी है लेकिन दूसरी ही सांस में यही आदमी कह रहा था ,हमारा मुल्क आतंक वाद का शिकार है ,हम उसका अकेले मुकाबला नहीं कर सकते ,हमें दहशत गर्दी के खिलाफ आलमी मदद चाहिए ।हम किसी लादेन वादेन को क्या छिपायेंगें हम तो खुद ही आतंकवाद से अपने घर में लड़ रहें हैं .
इन्हीं हरिश्चन्द्र के बगल में लादेन की आलिशान हवेली थी ,जहां कहतें हैं चिड़िया भी पंख नहीं फड़फड़ा सकती थी .इन्हें भी इल्म नहीं हुआ हालाकि यह गत सप्ताह ही वहां मुख्य अतिथि बनके पहुंचे थे .
इतना और ऐसा फितरती है यह मुल्क पूरे आत्म विश्वाश और आस्था के साथ झूठ और सिर्फ झूठ बोलता है ,झूठ के सिवाय और कुछ नहीं बोलता .कुरआन (क़ुरान)में गुनाह है झूठ बोलना ।
इनका फलसफा है :आप जितना ज़िन्दगी को प्यार करतें हैं हम उससे कहीं ज्यादा मौत को प्यार करतें हैं (और इसीलिए इसी तर्क के समर्थन में लादेन पालना इनकी मजबूरी है ,धार्मिक ओबसेशन है ।).
अल्लाह इन्हें मुआफ करे !
तर्क नहीं करते यहाँ के हाकिम .बहस नहीं करते .बस ,जो इनकी बात पे यकीन नहीं करता उसे "जिम्मी "घोषित करके समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है ,हुक्का पानी बंद कर दिया जाता है उसका ।
यहाँ सब लोग मिलके झूठ बोलतें हैं आखिर कबीलाई मानसिकता है .करें भी तो क्या ?
अपने घर में चोर को छिपाकर बड़ी मासूमियत से थानेदार से पूछ्तें हैं : दारोगीजी आप बता तो सकते थे मेरे घर में चोर है आपका फ़र्ज़ नहीं बनता था .
और अगर हमने लादेन को भी मान लीजिये छिपा भी रखा था तो "सी आई ए "हमें यह तो बता सकती थी -भैया ये बिन लादेन है उसके पास तो सबकी जन्मपत्री रहती है .उपग्रह की आँख देख रही होती है बयानी साहिब कौन सा रिसाला बांचते हैं सवेरे सवेरे ।

3 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

पाक की पोल खुलती जा रही है ...

Kunwar Kusumesh ने कहा…

You are 100% correct.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

इस देश का कुछ नहीं हो सकता.