गुरुवार, 5 मई 2011

ट्रीट- मेंट फॉर "जन्रेलाइज़्द एन्ग्जायती डिस -ऑर्डर .

जी ए डी का इलाज़ :दवा और सलाह मश्बिरा, बात- चीत, क्लिनिकल साइको -लोजिस्ट के साथ दोनों साथ -साथ चलतें हैं .जितनी उपयोगी दवा- दारु रहती है उतनी ही टाक- थिरेपी ।
(१)मेडी -केसंस :रसायन चिकित्सा या ड्रग थिरेपी में शामिल रहतीं हैं -
(अ)अवसाद रोधी दवाएं (एंटी -डिप्रेसेंट्स )।
(आ)बेन्जो -डाय -ज़े -पिंस ।
(इ)बीटा -ब्लोकर्स ।
(उ )बस -पी -रोन।
ड्रग का चयन इस बात पर निर्भर करता है कौन कितने पार्श्व प्रभाव बर्दाश्त कर सकता है ,बतला दिए जातें हैं ,अवांच्छित प्रभाव ,साइड इफेक्ट्स दवाओं के ।
अवसाद रोधी दवाएं :परोक्सितिने (पक्सिल तथा वेन्ला -फक्सिन एक्स आर यानी एक्स -टेंदिद रीलिज़ )ही ऐसे अवसाद रोधी साल्ट्स हैं जिनका स्तेमाल "जी ए डी "के प्रबंधन में किया जाता है .हालाकि आम तौर पर यही माना जाता है तकरीबन सभी एंटी -डिप्रेसेंट्स फायदा कमोबेश पहुंचाते ही हैं ।
बेन्जो -डाय -ज़ेपिंस टूट्रीट एन्ग्जायती :
ये दवाएं न्यूरो -ट्रांस -मीटर्स में खासकर "गाबा" की असर कारिता को बढ़ातीं हैं . यही वह जैव रसायन है जो एन्ग्जायती कम करता है ,दवाब ,स्ट्रेस को भी कम करता है तथा ध्यान लगाने में मदद करता है यानी कंसेन्ट्रेशन को बढाता है जो अक्सर इस मर्ज़ में भंग होता रहता है ,कुल मिलाकर इस अशक्त बनाने वाली स्थिति में ,विकार में काम करने की क्षमता में,फंक्शन में सुधार लाता है .
इनमे कुछ के नाम गिनाये जा सकतें हैं :
(१)एल्प्रा -ज़ोलम(जानाक्स )(२)कलोर -डाय -ज़प -ऑक्साइड(लिब्रियम ) (३)क्लोना -ज़ेपाम(क्लोनो -पिन ) (४)डाय -ज़ेपाम (वेलियम ).(५)लोरा -ज़ेपाम (एतिवन )।
पार्श्व प्रभाव इन दवाओं के हैं ज़रूर लेकिन अस्थाई हैं तथा कुछ ही हफ़्तों में नदारद हो जातें हैं .अलबत्ता इन अ-वांच्छित प्रभावों में शामिल हैं :
(१)बीनाई का धुन्धलाना(ब्लर्ड विज़न ).(२)कन्फ्यूज़न (भ्रमित रहना होना ).(३)अवसाद ग्रस्त हो जाना .(४)चक्कर आना (५)उनींदा -पन (६)थकान महसूस होना .(७)सिर दर्द (८)अनिद्रा (९)लाईट -हेडिद -नेस यानी स्लाईट -ली दिजी या फिर युफोरिक होना बिना बात प्रफुल्लित होना ,बिहेविंग इन एन इम्मेच्युओर वे ,फ्रिवोलोउस वे .(१०)मसल ट्रेमर (पेशीय कंप ).(११)नेज़ल कन्जेश्चन (नाक बंद होना ,रुकावट महसूस होना नाक से सांस लेने में )।
नेफाजाडोंन (सेर्जोने ) के संग साथ एल्प्रा -ज़ोलम टोक्सिक असर छोड़ सकती है .ऐसे में एल्प्रा -ज़ोलम की डोज़ घटाकर आधी कर दी जाती है ।
(ज़ारी....)

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