साइक्लिंग को दिल के लिए अच्छा बतलाया गया है लेकिन शहराती भीड़ और प्रदूषण युक्त माहौल में साइकिल चलाना अब दिल के दौरे को भड़काने वाला सबसे बड़ा प्रेरक माना जा रहा है ।
डेंजर इज इन दी एयर :साइकिलिंग बिगेस्ट ट्रिगर ऑफ़ हार्ट अटेक(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,फरवरी २६ ,२०११ ,पृष्ठ १९ )।
३६ रिसर्च पेपर्स का विश्लेषण करने वाले इस अधययन के मुताबिक़ ट्रेफिक में बा -हैसियत ड्राइवर समय बिताना ,साइक्लिंग करना ,कम्यूट करना हार्ट अटेक को आमंत्रित कर रहा है .लांसेट में प्रकाशित हुआ है यह अध्ययन ।
लेकिन उक्त सभी में से भी साइकिल सवार के लिए ख़तरा सबसे ज्यादा है क्योंकि प्रदूषण की सबसे ज्यादा मार झेलने के अलावा वह मशक्कत भी कर रहा है ।
एक्सरसाइज़ उसके लिए हार्ट अटेक का इक और ट्रिगर बन रहा है ।
ट्रेफिक एक्सपोज़र को हार्ट अटेक के लिए ७.४%,मशक्कत (फिजिकल एक्ज़र्शन )को ६.२%गुस्से (क्रोध /एंगर )को ३.१%,हेवी मील को २.४% ,सेक्स्युअल एक्टिविटी को २.२% ,कोकेन को ०.९ % हार्ट अटेक के लिए कुसूरवार बतलाया गया है .यह आंकड़े पूरी आबादी के सन्दर्भ में हैं जिनका कोकेन से नाता कम ही रहता है ।
दूसरे जोखिम में निगेटिव इमोशंस ३.९%,पोजिटिव इमोशंस २.४ % ,ओवर ओल एयर पोल्यूशन को ५-७%हार्ट अटेक के जोखिम को बढाने वाला पाया गया है ।
अलबत्ता व्यक्ति विशेष द्वारा कोकेन का सेवन (लत )हार्ट अटेक के खतरे के वजन को २३% बढा देता है ।
एयर पोल्यूशन इसमें ५%और भी ज्यादा इजाफा कर देता है .लेकिन क्योंकि एयर क्वालिटी (हवा की गुणवत्ता )का इक बड़ी आबादी से ताल्लुक है इसीलिए एयर पोल्यूशन आबादियों के लिए कोकेन से बड़ा ख़तरा बना हुआ है ।
अलबत्ता ये तमाम रिस्क फेक्टर्स इक दूसरे से नत्थी है इन्हें अलग करना मुश्किल है .मसलन हेवी ट्रेफिक में ड्राइविंग और साइक्लिंग करना इसमें एयर पोल्यूशन ,स्ट्रेस ,फिजिकल एग्ज़र्शन ,टेम्पर ,गुस्सा भी आ जुड़ता
है ।
ओवर ओल रिस्क को बढाने वाले कई और कारक दुरभिसंधि करतें हैं शहरी जीवन में .
शनिवार, 26 फ़रवरी 2011
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2 टिप्पणियां:
अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद
kaajal bhaai shukriyaa pasandgee ke liye .
veerubhai
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