गुणकारी वेळ -पत्र(एगले मार्मेलाफ )/बेल /बेल -गिरी /दी वुड एपिल ट्रीएंड इट्स फ्रूट /बैल्वा:
(१)मधु- मेह में लाभ :१५ वेळ पत्र के पत्ते ,५ काली मिर्च (ब्लेक पेपर )चटनी बनाकर एक कप पानी में मिलाकर पीने से पेशाब में शक्कर आना कम हो जाता है .रक्त में शक्कर का आना कम होता है (जब रक्त में बहुत ज्यादा शक्कर का स्तर हो जाता है तभी वह पेशाब के रास्ते भी आने लगती है .).मधु मेह की aarambhik अवस्था में १-२ साल तक इसका लगातार सेवन करने से मधुमेह ठीक भी हो सकती है .नित्य प्रात :३० ग्रेम बेल पत्र पीने से मधुमेह में लाभ होता है ।
(२)डिसेंट्री/डायरिया में :वेळ का सूखाहुआ गूदा पीसकर (दिव्य फार्मेसी ,हरिद्वार iskaa paaudar taiyaar kartaa hai jo 100 grem ke paik me uplabdh hai . ) दो -दो चम्मच सुबह शाम ठन्डे पानी के साथ लेने से दस्त रुक जातें हैं ।
बेल का गूदा पानी में मथकर शक्कर मिलाकर शरबत बनाकर एक ग्लास दिन में तीन बार पीने से पेचिस में आराम आता है ।
(३)आंव से राहत के लिए :म्यूकस या आंव की शिकायत होने पर बेल -गिरी और आम की गुठली दोनों को समान मात्रा में पीसकर एक एक चम्मच चावल के मांड से सुबह शाम फंकी लें .आंव आना बंद हो जाएगा मल के साथ ।
(४)कब्ज़ /कोंस्तिपेशन में राहत के लिए :१५ ग्रेम बेल का गूदा १५ ग्रेम इमली दोनों को आधा ग्लास पानी में मसल कर एक दही और स्वाद के अनुरूप बूरा/शक्कर /ब्राउन सुगर मिलाकर लस्सी बनाकर पीयें .कब्ज़ दूर हो जायेगी पेट साफ़ हो जाएगा .बेल का शरबत तो अंतड़ियों में जरा भी मल नहीं रहने देता ।
(अम्ल -पित्त में राहत /Acidity /Heartburn ) :एक चम्मच सूखे या ताज़ा बेल के गूदे में एक चौथाई चम्मच हरडका चूर्ण तथा एक चुटकी सैंधा नमक मिलाकर खाने से अम्ल पित्त /एसिडिटी /हार्ट बर्न में आराम आता है .
सोमवार, 10 जनवरी 2011
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