गुणकारी अमरुद :गावा यानी अमरुद भारी और तासीर में ठंडा होता है .रात में अमरुद नहीं खाना चाहिए ।
विटामिन -सी का बाहुल्य :इसमें विटामिन -सी सेब (एपिल )तथा नारंगी (कीनू )से ज्यादा होता है .विटामिन -बी -१ भी पाया जाता है .अमरुद से लोहा ,केल्सियम ,फास्फोरस आदि खनिज मिलतें हैं .इससे रेशा भी प्राप्त होता है (खाद्य रेशा )जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है .भोजन को पचाने में भी अमरुद उपयोगी है ।
(२)कमज़ोर हड्डियां :अमरुद नियमित खाते रहने से कमज़ोर हड्डियां मजबूत बनती हैं मजबूत ही रहतीं हैं ।
सिगरेट पान मसाला आदि की लत छुडवाने के लिए अमरुद के तीन तीन पत्ते चबाकर रस चूस जाएँ ,चुरा /बाकी बचा फोक थूक दें.इससे यह बुरी आदत छूट जायेगी ।
(३)दाद ,फोड़े -फुंसी रक्त विकार ,खुजली होने पर चार हफ्ता तक रोज़ दोपहर में एक पाँव अमरुद खाएं .इससे पेट साफ़ होगा ,बढ़ी हुई गर्मी दूर होगी .रक्त साफ़ होगा .फोड़े -फुंसी खुजली ठीक हो जायेगी ।
(४)पुराने चले आरहे दस्त /लूज़ मोशंस :अमरुद की २० कोमल पत्तियाँ टुकड़े करके एक ग्लास पानी में उबालकर छान कर पीने से पुराने दस्त ठीक हो जायेंगें ।
नोर्मल,आकस्मिक दस्त होने पर पके हुए दो अमरुद और मिश्री नित्य तीन बार खाने से पतले दस्त बंद हो जातें हैं ।
(५)पेट दर्द में :अमरुद की कोमल पत्तियाँ पीसकर पानी में मिलाकर पीने से आराम आता है ।
अपच ,अग्नि -मांड और अफारा के लिए अमरुद उत्तम औषधि है .इन रोग वालों को २५० ग्रेम अमरुद खाना खाने के बाद खाना चाहिए ।
अन्य लोगों को खाने से पहले अमरुद खाना चाहिए ।
(६)कफ़ युक्त खांसी हो तो :एक अमरुद को आग में भूनकर खाने से लाभ होता है .सूखी खांसी हो तो पके हुए अमरुद को चबा चबा कर खाने से लाभ होता है ।
(७)खांसी :अमरुद के दस ताज़ा कोमल हरे पत्ते के टुकड़े करके एक ग्लास पानी में चाय की तरह उबालकर छानकर ,दूध और शक्कर डाल कर नित्य सुबह और शाम पीने से आराम मिलता है ।
(८)कुकर खांसी :एक अमरुद को रेत में या राख में भून कर/सेंक कर खाने से कुकर खांसी में लाभ होता है ।
(९)बहुत पुराना सर्दी जुकाम /नजला हो तीन दिन तक केवल अमरुद खाएं .आराम आयेगा ।
(१ ०) जुकाम :एक अमरुद भूनकर काटकर नमक डालकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है .
बुधवार, 12 जनवरी 2011
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