प्री -मेन्स्त्र्युअल् डिस -फोरिक डिस -ऑर्डर(पी एम् डी डी )क्या है ?
जिन महिलाओं को नियमित माहवारी होती है उनमे से तकरीबन दो -तिहाई माहवारी पूर्व के संलक्षणों के रूप में सिर दर्द ,ब्रेस्ट टेंडर -नेस ,तथा मूड स्विंग से ग्रस्त रहतीं हैं .इनमे से भी तकरीबन ८ %जबरजस्त मूड स्विंग वह भी इस हद तक कि यह उनकी रोज़ -मर्रा कि ज़िन्दगी को ही असर ग्रस्त करने लगता है की चपेट में आजातीं हैं .यही है पी एम् डी डी ।
समाधान क्या है इसका ?
केल्सियम -संपूरक :केल्सियम की रोजाना १२०० मिलिग्रेम की खुराक हारमोन स्तर को बराबर करने में असर कारी पाई गई है जो इस दरमियान गडबडा जाता है ।
(२)नियमित व्यायाम :तेज़ कदमी ,वेट लिफ्टिंग ,डांसिंग (सामर्थ्य और दम ख़म के अनुरूप )एक तरह के अवसाद रोधी का काम करतें हैं ।
(३)एंटी -दिप्रेशेंट :रोज़ न लेकर प्री -मेन्स्त्र्युअल् सिम्त्म्स से ठीक पहले शुरू करदें .इन तारीखों का इल्म हर महिला को हो जाता है .इन्हें केलेंडर पर सर्किल कर लें ।
(४)बर्थ कंट्रोल पिल 'यज 'को अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था ने पी एम् डी डी के समाधान के लिए अपनी मंजूरी दे रखी है जो इन लक्षणों को घटाकर कमोबेश आधा कर देती है ।
(५)गैस्ट्रो -अप्सेट्स :माहवारी के दरमियान कुछ महिलायें दस्त (डायरिया ),गैस या फिर कितनी ही कब्ज़ से भी ग्रस्त हो जातीं हैं .यह सारा किया धरा प्रो -स्टा -ग्लेंदीन का ही होता है जो यूट्रस की अतिरिक्त स्क्वीज़िंग की वजह बनता है .एंठन की भी .बोवेल मूवमेंट्स को भी यही असरग्रस्त करता है कितनी ही महिलायें हेवी ब्लीडिंग के दिन बेहद के डायरिया से ग्रस्त हो जातीं हैं ।
(६)समाधान गैस्ट्रो -अप्सेट्स का ?
रोज़ मर्रा की खुराक में नियमित ३० ग्रेम खाद्य रेशों का होना लाभदायक सिद्ध होता है .डायरिया वाले दिनों में अतिरिक्त रेशे वाले खाद्यों का सेवन न करें .पब्लिक प्लेसिज़ पर संकोच वश स्टूल रोकने की गलती न करें .यही कब्जियत और ब्लोटिंग की भी वजह बन सकती है ।
इबु -प्रोफेन के अलावा कई और एंटी -इन्फ्लेमेत्री नुश्खें हैं जो गैस्ट्रो -अप्सेट्स में राहत दिलवातें हैं ।
पी एम् एस /पी एम् डी डी का एक मुश्त समाधान तलाशें टुकडा टुकडा नहीं .(समाप्त ).
शनिवार, 1 जनवरी 2011
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