लंकास्टर यूनिवर्सिटी के साइंसदानों ने एक ऐसा 'प्रोग्रेम 'तैयार किया है जो नेट पर बच्चा बनकर नौनिहालों को अपने यौन- जाल में फंसाने वाले बहरूपियों की खबर लेगा .इसका आधार बनेगा 'स्ताइल्स्तिक्स-फुटप्रिंट '.बालिगों का अपना एक अलग अंदाज़े बयान ,भाषा ,वाक्य -संरचना और बात कहने का ढंग होता है .अलग मुहावरा अलग और संवर्धित शब्द -भण्डार होता है ,जो बच्चों से जुदा होता है ।
सोफ्ट वेयर इसी स्टाइल का विश्लेसन कर पुलिस के विशेष दस्ते को 'पीडियो-फिलीयाक्स 'के बारे में खबरदार कर देगा .अमरीका में ऐसे बाल यौन -प्रेमी रोज़ पकड़े जातें हैं ,जो खुद को बालक के रूप में चेट के दौरान प्रस्तुत करतें हैं .एक गंभीर अपराध माना जाता है इसे ।
एक अध्धय्यन के दौरान जब इस सोफ्ट वेयर को कंप्यूटर में डाला गया तब चेट रूम वार्तालाप के पचास मामलों में से ४७ की सही सही शिनाख्त कर ली गई .इनमे कई 'पीडियो -फिलीयाक्स 'भी थे ।
विश्व -विद्यालय का कंप्यूटर विभाग अब ऐसे सिस्टम्स डिजाइन कर रहा हैजो भाषा की पड़ताल कर प्रयोक्ता की उम्र का राज़ खोल देंगें .इस सोफ्ट वेयर का वर्किंग -वर्शन बाज़ार में शीघ्र आने की उम्मीद रखी जा सकती है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-'एंटी -ग्रूमिंग 'सोफ्ट -वेयर विल केच ऑन लाइन 'पीडो -फाइल्स '.(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून ३ ,२०१० )
गुरुवार, 3 जून 2010
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