'मोड्रेसन इज दा की 'यह बात रेड -वाइन के लिए भी कही जा सक्ती है ,जिसे बारहा दिल की दोस्त बतलाया गया है ।
अंगूर और कुछेक और फलों (फ्रूट्स )में एक ख़ास पदार्थ '- 'आरईएसवीईआरए टी आर ओ एल '(रेस्वेरात्रोल ) की मौजूदगी आँखों कि 'ब्लड वेसिल्स ',महीनरक्त नालियों के लिए मुफीद पायी गया है .बुढापे के साथ यह ब्लड -वेसिल्स नष्ट होने लगतीं हैं ,क्षति ग्रस्त होने लगतीं हैं .फलस्वरूप नजर (बीनाई )कमज़ोर हो जाती है .इसलिए बुढापे में खासकर थोड़ी सी रेड वाइन ले लेने में कोई हर्ज़ नहीं हैं .(बा -शर्ते कोई और मेडिकल कंडीसन ना हो )।
यह रिसर्च एक भारतीय मूल के साइंसदान के नेत्रित्व में माहिरों की एक अंतर -राष्ट्रीय टीम ने संपन्न की है ।
आप हैं डॉ राजेन्द्र आप्टे .आप वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसन में शोधरत हैं ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-'ड्रिंकिंग रेड वाइन गुड फॉर आई -साईट '(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २६ ,२०१० ).
शनिवार, 26 जून 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें