शेक्स -पीयर के नाटक 'मैक- बैथ 'का एक पात्र है 'लेडी मैक- बैथ'.यही वह पात्र है जो राजा की ह्त्या का षड-यंत्र रचता है तथा पाप मुक्ति के लिए अपराध बोध से बाहर आने के लिए अपने मनो -लोक में अपने खून से रंगे हाथों को बारहा साफ़ करता रहता है ।
ओबेसेसिव कम्पल्सिव बिहेवियर का एक लक्षण है बारहा साफ़ सफाई करते रहना हाथों की शरीर की .ऐसा ना करना उनके बस में नहीं रहता ,उन्हें बारहा ऐसा करते रहने के बाद ही चैन आता है .यूँ लगता है जैसे गिल्ट से बाहर आने का यही एकज़रिया है .इसे ही 'लेडी मैक बैथ इफेक्ट कह दिया जाता है .
सोमवार, 14 जून 2010
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