एक दिन में २.२ किलोग्रेम की घटबढ़ हो सकती है आपके वजन में .असली रोल इसके
निर्धारण(घटबढ़ ) में पानी का है .मसलन एक लीटर सोडा में जितनी केलोरीज़ हैं यदि आप उन्हें खर्च नहीं करते तब आपका वजन मात्र ४५ग्रेम बढना चाहिए लेकिन स्केल पर खड़े होने पर नज़ारा कुछ और होता है .वजन बढ़ जाता है तकरीबन एक किलोग्रेम .अब आप एक बार बाथ रूम जाइयेगा ,युरिनेट कीजिएगा और अंतर आयेगा ४५० से ६८० ग्रेम का .एक किलोग्रेम पानी सिर्फ दिन भर सांस लेने और पसीने की मार्फ़त उड़ जाता है .दिन भर में आप कितना सोडियम साल्ट (नमक )लेतें हैं अलग अलग खाद्यों से ,कम लेतें हैं या ज्यादा ,पानी कितना पीते हैं यानी आपके हईद्रेसन का लेविल क्या है यह तमाम बातें ,आपका मेन्स्त्रुअल साइकिल ,माहवारी, महीना मासिक धर्म मेन्स्त्र्युअल् ब्लीडिंग पूरे महीने वजन को कम ज्यादा रख सकती है ..
वजन की बाबत असली बात महीना भर का औसत वजन है .बहर -सूरत हर बार के खाने में सिर्फ १०० केलोरीज़ ज्यादा होने का मतलब साल भर में १३ किलोग्रेम वजन बढा लेना सिद्ध होता है बेशक एक दिन के खाने या स्प्लार्ज़ का कोई ख़ास मतलब ना सही ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-मेक फ्रेंड्स विद यूओर स्केल (प्रिवेंशन ,हेल्थ मैगजीन ,जून अंक ,पृष्ठ ६६ -७० )
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